यूपी के मुजफ्फरनगर में घर और पट्टे की जमीन की मांग को लेकर एक दलित परिवार जिला अस्पताल परिसर में स्थित पानी की टंकी पर जाकर बैठ गया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने घंटों मिन्नतें करने के बाद परिवार को नीचे उतरवाया और नियमानुसार उनकी मदद करने का आश्वासन दिया। पीड़ित इससे पहले भी पेड़ पर चढ़कर हाईवोल्टेज ड्रामा कर चुका है। पीड़ित व्यक्ति ने अपने सीने पर गुदवाए गए “मां, सिवाय और योगी“ के नाम को दिखाते हुए धमकी दी कि अगर इस बार भी उसकी मांग पूरी नहीं हुई तो वो परिवार समेत खुदकुशी कर लेगा।
सोमवार सुबह करीब साढ़े छह बजे भौराकलां थाना इलाके के हिडौली गांव निवासी दलित कल्लू अपने 4 बच्चों और बीवी समेत मुजफ्फरनगर के जिला अस्पताल परिसर में स्थित पानी की टंकी पर चढ़कर बैठ गया। ये खबर सुनते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में एसडीएम परमानंद झा, सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप, सीओ सिटी रामाशीष यादव और पुलिस बल मौके पर पहुंच गया।
वार्ता के दौरान के दौरान कल्लू ने अधिकारियों को बताया कि उसे जो जमीन का पट्टा आवंटित किया गया है, उसके केवल 5 साल रह गए है, उस पट्टे को उसकी बीवी के नाम पर 99 साल के लिए आवंटित कर दिया जाए, क्योंकि उसे दो बार हार्ट अटैक आ चुका है और पता नहीं कब उसकी मौत हो जाए। ऐसे में वो ये सुनिश्चित करना चाहता है कि उसकी मौत के बाद उसके बीवी-बच्चे उस पट्टे के सहारे अपना जीवन यापन कर लें। जिसके बाद अधिकारियों ने उसे नियमानुसार मदद करने का आश्वासन देकर परिवार समेत नीचे उतारा। कल्लू का कहना है कि वो दो साल से पटवारी, एसडीएम और तहसीलदार के ऑफिसों के चक्कर काट-काटकर थक चुका है, लेकिन हर उसे केवल आश्वासन ही दिया जाता है, उसका काम नहीं होता। उसने ये भी बताया कि वो अपनी मांगों को लेकर एक बार पहले भी पेड़ पर चढ़ चुका है। इस दौरान कल्लू ने सीने पर गुदवाए गए “मां, सिवाय और योगी“ के टैटू भी दिखाए और कहा कि उसके दिल में केवल ये ही तीनों चीजे हैं।
पुलिस प्रशासन के आश्वासन पर परिवार नीचे उतरा
वही सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि आज सुबह पानी की टंकी पर दो लोग और 4 बच्चे समेत कुल 6 लोग चढ़ गए थे। जिनकी मांग थी कि 99 साल के लिए पट्टा दिया जाए। लेकिन ये नियम में नहीं है। पात्रता के अनुसार जो भी नियम होगा, उसके मुताबिक उन्हें पट्टा दिया जाएगा। ये परिवार करीब दो घंटे तक टंकी पर चढ़कर बैठे रहे। बाद में काफी प्रयास और हर संभंव मदद के आश्वासन पर इन्हें नीचे उतारा गया।