बागपत जिला जेल में माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में जेल प्रशासन के बड़े अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई तय है। शासन स्तर पर तैयार रिपोर्ट में जेलर के साथ ही अन्य तीन पर एक्शन होगा। फिलहाल जेलर उदय प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर शिवाजी यादव, हेड वार्डन अरजिन्दर सिंह, वार्डन माधव कुमार निलंबित हैं।
बागपत जिला जेल में नौ जुलाई को माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की जेल के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जेल परिसर में इस हत्या के बाद प्रदेश में खलबली मच गई थी। हाई प्रोफाइल मामला होने के कारण यूपी सरकार ने मामले की जांच डीआईजी आगरा जेल संजीव त्रिपाठी को सौंपी दी थी। डीआईजी आगरा जेल की जांच रिपोर्ट पूरी हो चुकी है। वह जल्द सरकार को सौंप देंगे।
इस हत्या के मामले में जेलर समेत चार जेलकर्मियों पर जल्द गाज गिर सकती है। जेल के अंदर सांठगांठ और पिस्टल पहुंचाने के आरोपों पर जांच भी पूरी हो चुकी हैं। सरकार जेलर समेत सभी चार जेलकर्मियों पर जल्द बड़ी कार्रवाई कर सकती हैं।
मुन्ना बजरंगी की हत्या के दूसरे दिन सुनील राठी की निशानदेही पर एक पिस्टल जेल के गटर से बरामद की गई थी। इस मामले में जेलर उदय प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर शिवाजी यादव, हेड वार्डन अरजिन्दर सिंह, वार्डन माधव कुमार को निलंबित कर दिया गया था। इस हत्या के फौरन बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने न्यायिक जांच के आदेश दिए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि जेल में हुई हत्या बहुत गंभीर मामला है। मामले की गहराई से जांच होगी। किसी भी दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके बाद कुख्यात गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी की हत्या के आरोपी सुनील राठी बागपत की जेल से फतेहगढ़ के सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया।
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