दुनिया में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले मुथैया मुरलीधरन ने 2010 में आज ही (22 जुलाई) के दिन 800 विकेट पूरे किए थे. और इसके साथ ही उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था. भारत के खिलाफ गॉल में सीरीज का पहला टेस्ट ऑफ स्पिनर मुरलीधरन के लिए यादगार रहा. टेस्ट शुरू होने से पहले ही संन्यास की इच्छा जता चुके मुरलीधरन 800 विकेट के जादुई आंकड़े को छूने से केवल 8 विकेट दूर थे.
उस टेस्ट मैच के तीसरे दिन तक उन्हें एक ही विकेट मिल पाया था, वह विकेट था सचिन तेंदुलकर का. जिससे उनके विकेटों की संख्या 793 तक ही पहुंच पाई थी. मैच का दूसरा दिन बारिश की वजह से धुल गया था. लेकिन चौथे दिन भारत के 12 विकेट गिरे, जिसमें से 5 विकेट मुरली के खाते में गए.
पांचवें दिन फॉलोऑन पारी खेल रही टीम इंडिया मैच बचाने के लिए जूझ रही थी. वीवीएस लक्ष्मण के रन आउट होने के बाद मुरलीधरन को अपने आठ सौ विकेट पूरे करने के लिए महज एक विकेट की दरकार थी. कई ने तो ऐसा सोच लिया था कि मुरली के विकेटों की संख्या 799 से आगे नहीं बढ़ पाएगी.
आखिरकार प्रज्ञान ओझा उनके 800वें शिकार बने. वह सुनहरा कैच महेला जयवर्धने ने पकड़ा था. रिचर्ड हैडली की तरह मुरली ने भी अपने टेस्ट करियर की आखिरी गेंद पर विकेट हासिल किया. मेजबानों ने यह टेस्ट 10 विकेट से जीता. श्रीलंका क्रिकेट के अधिकारियों ने इस टेस्ट में देश के सभी पूर्व टेस्ट कप्तानों को आमंत्रित किया था.
विवादों में रही मुरलीधरन की गेंदबाजी
गौरतलब है कि मुरलीधरन की गेंदबाजी के तरीके पर सवालिया निशान लगते रहे. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के साथ उनकी हमेशा नोक झोंक होती रही है और यह 1999 में ऑस्ट्रेलिया के श्रीलंका दौरे के समय काफी तेज हो गई. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट ने अपनी आत्मकथा में मुरलीधरन के मशहूर ‘दूसरा’ पर भी सवाल खड़ा किया था उन्होंने आरोप लगाया कि आईसीसी ने इसे पूरी तरह परखे बगैर ऐसी गेंदबाजी को इजाजत दे दी.
फिर भी टेस्ट और वनडे में सबसे ज्यादा विकेट
मुथैया मुरलीधरन ने 133 टेस्ट मैच खेले और रिकॉर्ड 800 विकेट चटकाए. शेन वॉर्न उनके पीछे हैं, जिनके नाम 708 विकेट दर्ज हैं. वनडे इंटरनेशनल में भी मुरलीधरन ने रिकॉर्ड 534 विकेट निकाले. वसीम अकरम 502 विकेट लेकर दूसरे स्थान पर हैं.