सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के समधी और सूचना आयुक्त अरविंद सिंह बिष्ट को आवंटित दो भूखंड एलडीए ने सीज कर लिए हैं। दो प्लॉटों के आवंटन निरस्त करने पर एलडीए का कहना है कि अरविंद और उनकी पत्नी के पास एक से ज्यादा भूखंड प्राधिकरण की योजनाओं में मौजूद हैं। एलडीए में उपसचिव रहीं उनकी पत्नी अंबी बिष्ट का तबादला पिछले सप्ताह हुआ है। सपा संरक्षक के बेटे के सास-ससुर पर हुई इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है।
एलडीए वीसी प्रभु एन सिंह आदेश के मुताबिक पूर्व में प्रचलित आवंटन नीति के मुताबिक पति और पत्नी के नाम एक भूखंड होने पर दूसरा नहीं लिया जा सकता है। शपथ पत्र देने के बाद भी अरविंद सिंह बिष्ट के नाम पर भूखंड आवंटित कराए गए।
अंबी बिष्ट को थी जानकारी
आदेश में कहा गया है कि यह सब तब किया गया जब एलडीए में अधिकारी रहीं अंबी बिष्ट को खुद इस नियम की जानकारी थी। एक याचिका की सुनवाई में उन्होंने खुद एक शपथ पत्र दिया जिसमें प्राधिकरण के नियम का हवाला देते हुए कहा कि पति और पत्नी के नाम केवल एक ही भवन या भूखंड आवंटन करने का प्रावधान है।
नौ जुलाई 2003 को विराजखंड के भूखंड केलिए अरविंद सिंह बिष्ट ने शपथ पत्र दिया। वहीं 26 अगस्त 2003 को ही रतनखंड के भूखंड का पंजीकरण कराया गया। यह आदेश एलडीए वीसी ने 25 जनवरी 2018 को जारी किया है।
तीन भूखंड आवंटित, दो निरस्त
एलडीए के रिकॉर्ड के मुताबिक अंबी बिष्ट के नाम 2/12 विराटखंड कर्मचारी कोटा में आवंटित है। वहीं अरविंद सिंह बिष्ट के नाम पर 1/3 विराजखंड पत्रकार कोटा में आवंटित है। इन दोनों भूखंड को आवासीय से कॉमर्शियल लैंडयूज में बदलने के लिए पूर्व में प्रक्रिया शुरू कराई गई थी। वहीं तीसरा भूखंड 1/1370 रतनखंड शारदानगर योजना में अरविंद सिंह बिष्ट के नाम पर आवंटित है। इनमें से अब विराजखंड और रतनखंड के भूखंड एलडीए ने अपने कब्जे में लिए हैं।
आवंटन का ये है नियम
एलडीए की आवंटन नीति के मुताबिक पति और पत्नी के नाम पर प्राधिकरण से केवल एक ही भूखंड लिया जा सकता है। वहीं पूरे यूपी में किसी विकास प्राधिकरण, निजी आवासीय समिति आदि द्वारा एक से अधिक भूखंड या भवन नहीं होना चाहिए। इसके लिए शपथ पत्र भी देना होता है। ऐसे में प्राधिकरण को अधिकार होता है कि आवंटन को निरस्त कर दे। एलडीए में इस तरह के दर्जनों मामले हैं। अभी हाल ही में एक बाबू मुक्तेश्वर नाथ ओझा के भी भूखंड एलडीए ने जब्त किए थे।
मेरी कुछ सीमाएं हैं
राज्य सूचना आयुक्त अरविंद सिंह बिष्ट का कहना है कि सूचना आयुक्त के संवैधानिक पद पर होने के चलते मेरी कुछ सीमाएं हैं। अभी एलडीए की कार्रवाई पर विधिक राय ले रहा हूं। इसके बाद ही कुछ कहना सही होगा।