दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले में बनेगा। इसका नाम ‘विराट रामायण मंदिर’ होगा और ये अभी के सबसे बड़े मंदिर कम्बोडिया स्थित ‘अंगकोर वाट’ से दोगुना ऊंचा होगा। 200 एकड़ में बनने वाले इस मंदिर की ऊंचाई 440 फीट होगी। इसमें एक साथ 20000 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी।
अगले साल होली के त्योहार के बाद मंदिर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा, क्योंकि कंबोडियाई सरकार की आपत्तियों के बाद मूल योजना में संशोधन किया गया है। बता दें कि कंबोडिया ने प्रस्तावित मंदिर को अंगकोर वाट मंदिर की नकल बताते हुए आपत्ति जताई थी।
पटना स्थित महावीर मंदिर ट्रस्ट के किशोर कुणाल ने कहा, ‘हमारे विराट रामायण मंदिर पर कंबोडिया सरकार की आपत्तियों के बाद हमने मूल याोजना में संशोधन किया है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने होली के बाद निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी कर ली है, जो एक शुभ मुहूर्त होगा।’
राम-सीता समेत कुल 18 देवताओं के मंदिर होंगे
महावीर मंदिर ट्रस्ट द्वारा तैयार करवाये जाने वाला यह मंदिर हिंदू-मुस्लिम एकता की भी मिसाल बनेगा क्योंकि इसमें हिंदुओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में मुस्लिमों ने भी जमीन दान किया है।विराट रामायण मंदिर निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होते ही कंबोडिया की सरकार ने मंदिर के नक्शे को लेकर भारत सरकार के सामने आपत्ति दर्ज कराई थी। कंबोडियाई सरकार का दावा था किइस मंदिर का नक्शा अंकोरवाट मंदिर का प्रतिरूप है। तब केंद्र सरकार ने इसकी पड़ताल की। महावीर मंदिर ट्रस्ट ने इस संबंध में अपना पक्ष रखा और कंबोडिया सरकार की आशंका निर्मूल साबित हुई।
मंदिर का डिजाइन गुजरात के जाने-माने वास्तुविद सोमपुरा ने तैयार किया है। इसके 12 शिखर होंगे। अंकोरवाट मंदिर में केवल 9 शिखर हैं। करीब छह सौ करोड़ की लागत से बनने वाले इस मंदिर की लंबाई 2800 फीट व चौड़ाई 1400 फीट होगी। इसमें राम-सीता के मुख्य मंदिर समेत कुल 18 देवताओं के मंदिर होंगे।