पहाड़ों के साथ-साथ मैदानी इलाको में हो रही मूसलाधार बारिश से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. ऐसे में बिजनौर पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है. गंगा किनारे काम कर रहे मजदूरों और कृषकों को पुलिस सुरक्षित स्थानों पर भेजने की प्रक्रिया में जुट गई है. गंगा के बढ़ते जलस्तर के मद्देनज़र हरिद्वार से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.
ऐसे में गंगा का जलस्तर बढ़ने का अनुमान है. गंगा किनारे बसे दर्जन भर गांवों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है. बिजनौर से सटे मण्डावर इलाके में लगभग दर्जन भर से अधिक गांव गंगा किनारे बसे हुए हैं. गांवों की आबादी 50 हजार से अधिक की है. पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के कारण गंगा अपने उफान पर है. ऐसे में उत्तराखंड हरिद्वार से तीन लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया, जिसके कारण बिजनौर के छह गांव राजारामपुर, मीरापुर, कुंदनपुर टीप, देवलगढ़, रघुनाथपुर, कोहरपुर में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.
बाढ़ के खतरे के मद्देनज़र बिजनौर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है. बीती रात 2 बजे के लगभग पुलिस को सूचना मिली कि गंगा किनारे बसे खीरा, ककड़ी, खरबूज, तरबूज की पलेज लगाने वाले पांच मजदूर गंगा में फंस गए हैं. पुलिस ने मुरादाबाद से तैराकी PSC को बुलाकर चार घंटे नाव के माध्यम से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. पुलिस लगातार गंगा किनारे बसे लोगों को सतर्क कर रही है कि वो अपने पशुओं के साथ सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जाएं. गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ के खतरे की आशंका बनी हुई है.
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