इस बात से तो हम सभी परिचित है कि, जिसने भी इस धरती पर जन्म लिया है वो एक न एक दिन अपने प्राण जरूर त्यागेगा। हमारे पुराणों में भी साफ़ है कि, मानव शरीर नश्वर होता है।
साथ ही पुराणों में एक और चीज़ का उल्लेख मिलता है, जिसके मुताबिक मृत्यु से पहले यमराज मानव को चार संकेत भेजकर यह बता देते हैं की उसका समय नजदीक आ चुका है। तो आइये आज हम आपको बताते है उन चार संकेतों और उनसे जुड़ी कथा के बारे में जिनकी जानकारी लेने से आपका ही फायदा होगा।
प्राचीन काल में यमुना नदी के किनारे अमृत नाम का व्यक्ति रहता था। वह अपनी मौत के डर से यम देवता की दिन-रात पूजा किया करता था। एक दिन यमराज, अमृत की तपस्या से प्रसन्न हो गए और उन्होंने उसके सामने प्रकट होकर वरदान मांगने के लिए कहा।
यमराज की बात सुनकर, अमृत ने उनसे अमरता का वरदान मांग लिया। इसे सुनकर यमराज ने उसे समझाया कि “इस दुनिया में जिसने जन्म लिया है, उसका मरना निश्चित है। कोई भी जीव अपनी मृत्यु से नहीं बच सकता।”
अमरता का वरदान न मिलने पर अमृत ने उनसे कहा कि “अगर मृत्यु को टाला नहीं जा सकता तो जब मृत्यु मेरे करीब हो तब मुझे उसके बारे में पता चल जाए, ताकि मैं अपने परिवार के लिए कुछ प्रबंध कर सकूँ।” इसके बाद यम ने उसे उसकी मृत्यु से पहले चार संकेत भेजने का वरदान दिया और इसके बदले वचन लिया कि जैसे ही उसे मृत्यु के संकेत मिलेगा, वह संसार से विदा लेने की तैयारी करना शुरू कर देगा।
इसके कुछ समय पश्चात यम ने उसे वो चार संकेत दिए जिनको देने के बाद ही वो किसी मानव के प्राण हरते हैं।
पहला संकेत – बाल सफ़ेद होने लगना
दूसरा संकेत – एक-एक कर दांत गिरने लगना
तीसरा संकेत – आँखों की रौशनी कमजोर होने लगना
चौथा संकेत – कमर का झुक जाना या शरीर के अंगों का ठीक से काम न करना
पुराणों में भी ईस बात के साक्ष मिलते है की, इन चारो संकेतो के आधार पर ही यमदूत किसी के प्राण हरते है।