मेडिकल कॉलेज में तैनात एक महिला सफाईकर्मी की सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। जिसके बाद गुस्साये कर्मचारियों ने प्राचार्य से मृतका के परिवार को उचित मुवायजा देने: की मांग की। साथ ही आरोप भी लगाया कि घटना के बाद मेडिकल कॉलेज के बड़े अफसरों से मदद मांगने पर भी कोई नहीं पहुँचा। साथी कर्मचारी ही महिला को लेकर एसटीएच पहुँचे थे।
उत्तरांचल कॉलोनी पीलीकोठी निवासी 52 वर्षीय भगवती देवी की ड्यूटी बतौर सफाईकर्मी मेडिकल कॉलेज में लगी थी। वायरोलॉजी लैब में भी उसने काम किया। सुबह सवा नौ बजे करीब वह परिसर की एक सड़क पर सफाई कर रही थी। अचानक गश खाकर गिर पड़ी। और नाक व मुँह से खून बहने लगा।
जिसके बाद अफसरों को फ़ोन पर सूचना देने के साथ अन्य कर्मचारी उसे एसटीएच लाये। जहाँ इमरजेंसी में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद उपनल कर्मियों ने प्राचार्य डॉक्टर सीपी भैसोड़ा का घेराव कर परिवार की ज्यादा से ज्यादा आर्थिक मदद करने की मांग भी की।
लगातार काम कराने का आरोप
इमरजेंसी के बाहर जुटे कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उनकी सेहत संग खिलवाड़ कर लगातार काम करवाया जा रहा है। पहले 14 दिन ड्यूटी 14 दिन रेस्ट यानी क्वारंटाइन का नियम था। फिर 14 दिन काम पांच दिन रेस्ट नियम चला। मगर अब लगातार 14 दिन ड्यूटी करवाने के बाद 15वें दिन कोरोना टेस्ट होता है। अगर रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आती तो अगले दिन फिर से ड्यूटी पर आना पड़ता है।
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