मेडिकल कालेज में लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति पर संकट के बादल छा गए हैं। सप्लाई करने वाली फर्म का करीब 60 लाख रुपये बकाया है, जबकि इसकी अधिकतम सीमा 10 लाख ही है। भुगतान न होने पर फर्म ने सप्लाई रोकने की चेतावनी दी है। बकाया भुगतान के लिए फर्म के अधिकारियों ने महानिदेशक चिकित्सा-शिक्षा और डीएम को भी पत्र लिखा है।मेडिकल कॉलेज में धीरे धीरे ठप हो सकती है ऑक्सीजन सप्लाई…यूपी में जानलेवा हुआ स्वाइन फ्लू, ढाई साल की बच्ची की हुई मौत…
मेडिकल कॉलेज में दो वर्ष पूर्व लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगा है। इससे वार्ड छह, 10, 12, 14 और 100 बेड में ऑक्सीजन सप्लाई होती है। करीब 300 बेड पर पाइप के जरिए ऑक्सीजन भेजी जाती है। इसकी सप्लाई करने वाली पुष्पा सेल्स कंपनी के अधिकारी दिपांकर शर्मा ने प्राचार्य को पत्र लिखकर कॉलेज प्रशासन पर अनुबंध का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
शर्तों के मुताबिक कॉलेज को अधिकतम 10 लाख रुपये की गैस बिना अग्रिम भुगतान के मिल सकती है। इसका बिल देने के 15 दिन में मेडिकल कॉलेज को भुगतान करना तय है। इसके बाद भी बीते छह महीने से बकाया को लेकर पत्राचार चल रहा है। इस समय ऑक्सीजन की उधारी 57, 44, 336 रुपये हो चुकी है। फर्म ने 40 लाख रुपये का भुगतान न करने पर सप्लाई रोकने की चेतावनी दी है।