उत्तराखंड के मैदानी जिलों में आबादी अधिक होने की वजह से ओबीसी का आरक्षण 14 प्रतिशत का आंकड़ा पार कर गया है, जबकि पर्वतीय जिलों में ज्यादातर निकायों में ओबीसी की हिस्सेदारी घट गई है। ओबीसी सर्वेक्षण रिपोर्ट के हिसाब से नगर निगम काशीपुर, नगर पालिका मंगलौर और नगर पंचायत सुलतानपुर-आदमपुर में ओबीसी की सर्वाधिक आबादी सामने आई है।
सभी नगर निकायों में ओबीसी के लिए अभी तक 14 प्रतिशत आरक्षण तय था, लेकिन ताजा सर्वेक्षण में यह इससे कहीं ऊपर चला गया है। नगर निगमों में ऊधमसिंह नगर के रुद्रपुर में 19.03, काशीपुर में 38.62 प्रतिशत, हरिद्वार जिले के हरिद्वार में 20.90 और रुड़की में 36.20 प्रतिशत, नैनीताल के हल्द्वानी में 18.42 प्रतिशत आरक्षण की पैरवी की गई है।
मैदानी जिलों में केवल देहरादून में 14 से कम यानी 11.92 और ऋषिकेश में 9.06 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण की संस्तुति की गई है। पर्वतीय जिले की बात करें तो पौड़ी के कोटद्वार में 6.52 और श्रीनगर में 5.51 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण की सिफारिश की गई है। नगर पालिकाओं के हिसाब से देखें तो देहरादून की विकासनगर में 22.93, डोईवाला में 34.82, मसूरी में 12.23 प्रतिशत।