अमृतसर। रविवार को हार्ट ऑफ एशिया समिट का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने एक बार फिर इशारों में पाकिस्तान पर हमला बोला। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में एक बार फिर आतंकवाद को मुद्दा उठाते हुए कहा कि हम मजबूत इच्छाशक्ति से ही इसे खत्म कर सकते हैं। अफगानिस्तान में फैले आतंक के खिलाफ चुप बैठने और कोई एक्शन ना लेने से ना सिर्फ अफगानिस्तान बल्कि पूरे रीजन में आतंक को बढ़ावा मिलेगा।
बड़ी खबर: पीएम मोदी के इस बड़े बयान, से हिल गया पाकिस्तान
पीएम ने इशारों में पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा कि ना सिर्फ आतंकवाद बल्कि इसे शरण देने और बढ़ावा देने वालों की पहचान करते हुए कदम उठाएं।
इससे पहले पीएम ने कहा कि हमारी बातों और एक्शन का लक्ष्य अफगानिस्तान और उसके लोगों को बाहरी खतरे से बचाना है। आज हमारा यहां एकत्रित होना अफगानिस्तान में लंबी स्थिरता और शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिबद्धता को दिखाता है। हम सबको मिलकर अफगानिस्तान और दुनिया के बीच बेहतर नेटवर्क के लिए काम करना चाहिए।
पीएम ने कहा कि भारत की तरफ से अफगानिस्तान के लोगों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता निपेक्ष और अटूट है। अफगानिस्तान की शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए आतंकवाद और आतंरिक अस्थिरता बड़ा खतरा है। अफगानिस्तान में शांति की बात केवल वहीं तक ना रहे बल्कि सब मिलकर इसे मजबूती दें। अफगानिस्तान के प्रति हमार द्विपक्षीय कमिटमेंट जारी रहना चाहिए।
भारत ने तैयार किया ऐसा बम जो एक ही झटके में कर देगा पुरे पाकिस्तान को खत्म !
पीएम मोदी ने कहा कि हम अफगानिस्तान को भारत से एयर ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर से जोड़ना चाहते हैं। कुछ महीने पहले लॉन्च हुआ हेरत भारत अफगानिस्तान बांध वहां के लोगों के लिए आर्थिक गतिविधियों को जिंदा करेगा। काबुल में संसद की इमारत अफगानिस्तान में मजबूत लोकतांत्रिक भविष्य के प्रति भारत की ठोस प्रतिबद्धता को दिखाता है।
इससे पहले सम्मेलन को संबोधित करते हुए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भारत का आर्थिक मदद के लिए शुक्रिया कहने के साथ ही आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया।
गनी ने कहा कि पीएम मोदी के शब्दों ने अफगान के लोगों को दो राष्ट्रों के बीच की दोस्ती, ऐतिहासिक रिश्तों का भरोसा दिलाया है। भारत-अफगान समझौते सशक्त हैं और भारत ने बिना शर्त के हमारा समर्थन किया है। भारत का अफगानिस्तान को समर्थन वहां के लोगों की जिंदगी बेहतर कर रहा है और यह पूरी तरह पारदर्शी है। पिछले साल अफगानिस्तान ने आतंकी हमलों के चलते सबसे ज्यादा मौते देखी हैं। 30 से ज्यादा आतंकी संगठन अफगानिस्तान में अपनी जमीन तैयार करने में लगे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के विकास के लिए 500 मिलियन देने का प्रस्ताव रखा है, मैं सरताज अजीज से कहना चाहूंगा कि यह रकम आतंकियों को खत्म करने में उपयोग की जा सकती है। हमें सीमापार आतंकवाद और उसके खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाना होगा।
सम्मेलन के उद्घाटन से पहले पीएम मोदी और अफगान राष्ट्रपति के बीच द्विपक्षीय चर्चा हुई। अमृतसर में चल रहे इस्ताम्बुल कॉन्क्लेव में दुनियाभर के 40 मुल्कों के नुमाइंदे इस्ताम्बुल की बेहतरी पर चर्चा करेंगे। वैसे अफगानिस्तान का सबसे बड़ा दुख आतंकवाद है और भारत की तरह अफगानिस्तान भी लगातार इसके लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराता आया है।
सरताज से बात मुश्किल
पाकिस्तान के विदेश सचिव सरताज अजीज एक दिन पहले ही इस समिट में हिस्सा लेने भारत पहुंच चुके हैं। उन्होंने शनिवार को पीएम मोदी से मुलाकात भी की है लेकिन इस बात की कम संभावना है कि रविवार को भारत और पाक के बीच किसी तरह की बातचीत हो सकती है।
हालांकि सरताज अजीज ने भारत पहुंचने के बाद एक बयान में कहा कि वो हर मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान इस सम्मेलन में किसी भी स्तर पर कश्मीर मुद्दा नहीं उठाएगा।