नई दिल्ली। देश में आम चुनाव दो साल बाद होना है लेकिन बीजेपी ने इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं. खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 में होने वाले आम चुनावों की तारीखों को आगे बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं क्योंकि आम चुनाव साल 2018 के अंत में होना है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद वे अपने जीत का रथ आगे भी बरकरार रखना चाहते हैं।यह भी पढ़े:> वीडियो: जानिए किन्नर क्या होते है और कैसे करते है सेक्स
दिलचस्प बात यह है कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने आम चुनाव में जीत की रणनीति के तहत ‘भारत यात्रा’ की योजना बनाई गई है।बीजेपी प्रमुख अमित शाह द्वारा तैयार ‘भारत यात्रा’ के तहत पूरे देश में भ्रमण किया जाएगा। इस यात्रा में बीजेपी के कुल 2,470 कार्यकर्ता देश भर में पूरे साल बूथों पर घूमेंगे. साल भर में 1,441 कार्यकर्ता छह महीने और 3,78,000 पार्टी वर्कर 15 दिनों तक अपने मोहल्लों, नगरों और जिला स्तर पर मतदान के लिए बेहतर मैनेजमेंट सुनिश्चित करेंगे. बीजेपी के चाणक्य अमित शाह ने इस रणनीति को बना यह संकेत दिया है कि पीएम मोदी की राह में कोई रोढ़ा नहीं है और चुनाव से पहले की तैयारियां लगभग पूरी की जा चुकी हैं.।
एक सीनियर बीजेपी नेता के मुताबिक पीएम मोदी अब तक चली आ रही परंपरागत मान्यताओं को तो तोड़ेंगे ही साथ ही ऐसा कर अपनी ताकत को और मजबूत करेंगे ताकि 2019 के चुनावों में अपने लिए वह एक मजबूत स्थिति बना सकें. इसी को ध्यान में रखते हुए वह आम चुनाव सितंबर या अक्टूबर 2018 में कराना चाहते हैं.।
आम चुनाव की तय तारीख और इसे समय से पहले कराए जाने के बीच 5-6 महीने से ज्यादा का अंतर नहीं होगा. इस नेता के मुताबिक बीजेपी ने यूपी में प्रचंड जीत हासिल की है और इसे मोदी के लिए जनमत के रूप में देखा गया. उन्होंने चुनाव से ऐन पहले नोटबंदी जैसा रिस्की फैसला लिया. पार्टी में कई लोग इस असर का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाया जाए.।दिल्ली में ऐसा मानने वालों की कमी नहीं है कि अगर मोदी ऐसा कदम उठाते हैं तो उन्हेंं जबरदस्त फायदा हो सकता है. इससे वह ऐतिहासिक नेता होने का तमगा हासिल करने के और करीब पहुंच जाएंगे. शाह ने साफ कर दिया है कि प्रधानमंत्री के इस रुख की पार्टी के भीतर और दूसरे दलो के साथ व्यापक और गंभीर बहस होनी चाहिए.।
ये तो पहला गेम प्लान है. दूसरा प्लान इससे भी महत्वाकांक्षी है. बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक, मोदी चाहते हैं कि आम चुनाव और राज्य चुनाव एक साथ ही कराए जाएं. ये एक बहुत कठिन टास्क होगा. दरअसल, मोदी चाहते हैं कि ऐसा करने पर आम चुनाव और विधानसभा चुनाव में अलग अलग होने वाला बड़ा खर्च बचेगा. अनुमान है कि चुनावों में सरकार का करीब 30 हजार करोड़ रुपया खर्च होता है. भारतीय इतिहास में पिछली बार हुआ चुनाव चुनावी इतिहास में सबसे महंगा साबित हुआ था. अगला चुनाव इससे भी ज्यादा खर्चीला साबित होगा.।