प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने और उनके मंत्रालय ने सुशासन देने के लिए तथा दुनिया के किसी भी कोने में परेशानी में फंसे भारतीयों की मदद के लिए सोशल मीडिया के प्रभावी इस्तेमाल की मिसाल कायम की है. वर्जीनिया में सामुदायिक समारोह के दौरान भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, सोशल मीडिया बेहद शक्तिशाली हो गया है. मैं भी इससे जुड़ा हूं. लेकिन विदेश मंत्रालय और सुषमा स्वराज ने यह मिसाल कायम की है कि कैसे किसी विभाग को इसके जरिए मजबूत किया जा सकता है.
गरीब लोगों से जुड़ा विदेश मंत्रालय
कूटनीति को एक मानवीय चेहरा देने और सुशासन देने के लिए सोशल मीडिया के प्रभावी इस्तेमाल के लिए मोदी ने सुषमा की सराहना की. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय अब देश के गरीब से गरीब व्यक्ति से जुड़ा है. उन्होंने दुनिया के किसी भी कोने में मुश्किल में फंसे भारतीयों के ट्वीटों पर जल्दी जवाब देने और कदम उठाने की सुषमा स्वराज की आदत की तारीफ की.
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रात दो बजे भी मिलता है जवाबमोदी ने कहा, दुनिया के किसी भी कोने में मुश्किल में फंसा कोई भारतीय अगर विदेश मंत्रालय को ट्वीट करता है, तो सुषमा स्वराज 15 मिनट के भीतर उसे जवाब देती हैं, फिर चाहे रात के दो ही क्यों न बजे हों. सरकार तुरंत कदम उठाती है और परिणाम सामने आते हैं, यह सुशासन है. उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में भारत के विदेश मंत्रालय ने मानवीय कूटनीति में नई ऊंचाईयां हासिल की हैं.
उज्मा का दिया उदाहरण
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के अलग-अलग कोनों में 80 हजार से ज्यादा भारतीय किसी न किसी मुश्किल का सामना कर रहे थे लेकिन भारत सरकार उन्हें सुरक्षित भारत लेकर आने में सफल रही. उन्होंने उस भारतीय युवती उज्मा अहमद के मामले का भी जिक्र किया, जिसका दावा था कि उसे बंदूक के डर से एक पाकिस्तानी पुरुष से शादी करनी पड़ी थी. मोदी ने कहा, भारत की एक बेटी, जो पाकिस्तान में मुश्किल में फंस गई थी, वह भारतीय उच्चायोग के प्रयासों से भारत लौटी. इसका श्रेय सुषमा जी को जाता है.