अब प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना के तहत सस्ती दवाइयों की दुकान खोलना आपके लिए पहले से ज्यादा मुनाफे का सौदा होगा। सरकार ने सभी दुकानदारों को अपने यहां उपलब्ध क्वालिटी जेनेरिक दवाओं को रखने की अनुमति दे दी है। अभी तक वे वहीं दवाएं रख सकते थे, जो सरकार की ओर से उन्हें उपलब्ध कराया जाता था।

वहीं, नया सेंटर खोलने पर सरकार की ओर से प्राइवेट रिटेलर्स को 2.5 लाख रुपए की सहायता पहले की तरह मिलती रहेगी। यह सहायता रीइंबर्समेंट बेसिस पर होगी। पहले स्टेट गवर्नमेंट द्वारा नॉमिनेटेड एजेंसियों को ही 2.5 लाख रुपए ग्रांट मिल रहा था, सरकार ने यह नियम सबके लिए कर दिया है। बीपीपीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि एक बार 3000 केंद्र खोलने का टारगेट पूरा हो जाता है तो प्राइवेट रिटलेर्स के लिए कुछ और सुविधाएं मसलन उनका कमीशन बढ़ाया जा सकता है।
कौन खोल सकता है जनऔषधि सेंटर :
जनऔषधि सेंटर खोलने के लिए सरकार ने तीन कैटेगरी बनाई है।पहली कैटेगरी में कोई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर, रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर स्टोर खोल सकेगा।दूसरी कैटेगरी में ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट हॉस्पिटल, सोसायटी और सेल्फ हेल्प ग्रुप को स्टोर खोलने का मौका मिलेगा।वहीं तीसरी कैटेगरी में राज्य सरकारों द्वारा नॉमिनेट की गई एजेंसी होगी।
ऐसे होगी आपकी इनकम :
सरकार ने मंथली सेल पर दुकानदारों का कमिशन बढ़ाकर 20 फीसदी तय किया हुआ है। ट्रेड मार्जिन के अलावा सरकार मंथली सेल पर 10 फीसदी इंसेंटिव देगी, जो आपके बैंक अकाउंट में आ जाएगा। इस तरह से दुकानदार को कम से कम 2 साल तक ट्रेड मार्जिन के अलावा इंसेटिव के रूप में डबल मुनाफा होगा। अगर वह एक महीने में 1 लाख रुपए तक की दवा सेल करता है तो उसे मंथली 30 हजार रुपए तक इनकम होगी। कमिशन की कोई लिमिट नहीं है, जितनी दवा सेल होगी, कमिशन उतना ज्यादा बनेगा।
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