नोटबंदी से परेशान किसानों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने कहा है कि किसान पुराने नोटों से खाद और बीज खरीद सकेंगे। यह पुराने नोट केंद्र और राज्य सरकार की दुकानों पर चल पाएंगे। सरकार ने यह फैसला फसलों की बुुवाई में हो रही देरी के मद्देनजर किया है।
दरअसल सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद से ही किसान नोटों की मार के चलते नई फसलों की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। इसकी वजह से जहां उन्हें नुकसान हो रहा है वहीं ग्रामीण अर्थव्यवस्था की कमर भी टूट रही है। सरकार के इस फैसले के बाद किसान अब खाद और बीज खरीद कर नई फसलों की बुवाई कर सकेंगे।
सरकार की ओर से नोटबंदी के फैसले के बाद बैंकों में भारी मात्रा में नकदी जमा हुई है। देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 10 से 18 नवंबर के बीच बैंकों में कुल 5.12 लाख करोड़ रुपए की नकदी जमा हुई है। वहीं एक लाख करोड़ की नकदी बैंकों से इस अवधि में निकाली गई है।
पुराने नोट बैंकों से बदलने की बात करें तो कुल 33,000 करोड़ रुपए की राशि ग्राहकों की ओर से बैंकों से बदली गई है। गौरतलब है कि बीते 8 नवंबर को सरकार की ओर से 500 और 1000 रुपए के नोट पर बैन लगाने की घोषणा की गई थी।
इसके अलावा एक और फैसला देते हुए सरकार ने कहा है कि अब चालू, ओवरड्राफ्ट और कैश क्रेडिट अकाउंट के धारक एक हफ्ते 50 हजार रुपए तक निकाल सकेंगे। इसके लिए यह जरूरी है कि उनका यह खाता कम से कम पिछले तीन महीने से एक्टिव हो।सरकार द्वारा नकद निकासी में यह बढ़ोतरी निजी ओवरड्राफ्ट अकाउंट्स पर लागू नहीं होगी।