तुर्की के राष्ट्रपति रज्जब तैयब इर्दोगान ने कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए बहुपक्षीय वार्ता का सुझाव दिया ताकि क्षेत्र में शांति सुनिश्चित हो सके। रविवार शाम को यहां पहुंचे इर्दोगान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत से पहले परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में सदस्यता के लिए पाकिस्तान के साथ-साथ भारत के प्रयास के पक्ष में भी राय जाहिर की और कहा कि भारत को इस पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इर्दोगान आज पीएम मोदा से मुलाकात करेंगे। उन्होंने आज राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की। 16 अप्रैल को तुर्की में हुए जनमत संग्रह में जीत हासिल करने के बाद इर्दोगान ने अपना कूटनीतिक दायरा बढ़ाना शुरू किया है, जिसके तहत वह भारत दौरे पर आए हैं। इर्दोगानके स्वागत में राष्ट्रपति भवन में आज एक समारोह आयोजित होगा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज होटल ताज पैलेस जाकर उनसे मिलेंगी, जिसके बाद होटल में ही देश के अग्रणी उद्योग मंडलों सीआईआई, फिक्की और एसोचैम द्वारा आयोजित एक व्यापार सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैदराबाद भवन में एर्दोगान से मुलाकात करेंगे। इससे पहले एर्दोगान राजधानी के जामिया मीलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय जाएंगे, जहां उन्हें मानद डिग्री प्रदान की जाएगी। गौरतलब है कि एर्दोगान इससे पहले बतौर प्रधानमंत्री 2008 में भारत का दौरा कर चुके हैं।
इर्दोगानके स्वागत में राष्ट्रपति भवन में आज एक समारोह आयोजित होगा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज होटल ताज पैलेस जाकर उनसे मिलेंगी, जिसके बाद होटल में ही देश के अग्रणी उद्योग मंडलों सीआईआई, फिक्की और एसोचैम द्वारा आयोजित एक व्यापार सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैदराबाद भवन में एर्दोगान से मुलाकात करेंगे। इससे पहले एर्दोगान राजधानी के जामिया मीलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय जाएंगे, जहां उन्हें मानद डिग्री प्रदान की जाएगी। गौरतलब है कि एर्दोगान इससे पहले बतौर प्रधानमंत्री 2008 में भारत का दौरा कर चुके हैं।
कश्मीर मुद्दे पर ये बोले इर्दोगान
एक चैनल से साक्षात्कार में उन्होंने कहा ‘‘हमें (कश्मीर में) और लोगों को हताहत नहीं होने देना चाहिए। बहुपक्षीय वार्ता करके (जिसमें हम शामिल हो सकें), हम इस मुद्दे का एक बार में हमेशा के लिए समाधान करने की कोशिश कर सकते हैं।’’ तुर्की के नेता ने कहा कि यह भारत और पाकिस्तान दोनों के हित में है कि वह इस मुद्दे को हल करें और इसे भावी पीढ़ी के लिए न छोड़ें जिसे परेशानी का सामना करना होगा। उन्होंने कहा ‘‘दुनियाभर में बातचीत का रास्ता खुला रखने से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। अगर हम वैश्विक शांति की दिशा में योगदान दें तो हमें बहुत ही सकारात्मक परिणाम मिल सकता है।’’
इर्दोगान ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही तुर्की के मित्र हैं और वह कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए सभी पक्षों के बीच बातचीत की प्रक्रिया को मजबूत करने में मदद करना चाहते हैं। तुर्की में कुर्द समस्या के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि इसकी कश्मीर मुद्दे से तुलना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा ‘‘हमें कुर्द लोगों से कोई समस्या नहीं है। हमें एक आतंकी संगठन से समस्या है।’’ उन्होंने कहा ‘‘यह (कुर्द समस्या) एक भू-भागीय विवाद है। जम्मू-कश्मीर में स्थिति अलग है। हम उनकी तुलना करने की गलती न करें।’’
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