रविवार को इराक ने मोसुल पर सेना की जीत का ऐलान कर दिया. इराकी सरकार ने बताया कि मोसुल से आतंकी संगठन ISIS का खात्मा किया जा चुका है. जीत की खुशी में इराकी सेना ने मोसुल में अपना झंडा फहाराया. मोसुल को तो आईएसआईएस आतंकियों से आजादी मिल गई. मगर जिन भारतीयों को ISIS आतंकियों ने बंधन बनाया था, उनकी फिलहाल कोई खबर नहीं है. मोसुल पर ISIS के कब्जे के बाद जून 2014 39 भारतीय मजदूरों को बंधन बनाने की खबर आई. इस बीच हरजीत सिंह ISIS के चंगुल से निकलने में सफल रहा. भारत आकर हरजीत मसीह ने दावा किया था कि सभी 39 भारतीय मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है.
विदेश मंत्रालय ने किया जीवित होने का दावा
भले ही हरजीत सिंह ने बंधक भारतीय मजदूरों की मौत की बात कही हो, मगर विदेश मंत्रालय लगातार उनके जीवित होने का दावा करता रहा है. हाल ही में विदेश मंत्रालय ने बताया था बंधक बनाए गए सभी भारतीय सुरक्षित हैं, उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. विदेश मंत्रालय ने ये भी बताया था बंधकों की रिहाई के एवज में कोई डिमांड नहीं की गई है.
इससे पहले संसद में विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने सभी बंधक भारतीयों के सुरक्षति होने की सूचना दी थी. उन्होंने कहा था कि सरकार बंधकों की सुरक्षित रिहाई के लिए सभी कदम उठा रही है.
वीके सिंह जाएंगे इराक
इराकी पीएम ने नहीं दिया कोई बयान
हालांकि, रविवार को इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-आब्दी मोसुल पहुंचे और जीत के लिए सेना को बधाई दी. मगर इस दौरान आब्दी ने जीत पर देश को संबोधित नहीं किया. न ही इराक सरकार और सेना की तरफ भारतीय बंधकों के संबंध में कोई जानकारी दी गई.
ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि जब मोसुल से आतंकियों का सफाया हो चुका है और 39 भारतीय मजदूर ISIS आतंकियों के चंगुल में थे, तब भारतीय मजदूर कहां हैं?