पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने मोहम्मद शमी की भारतीय टीम के तीनों फॉर्मेट में वापसी की मांग की है। गांगुली ने कहा कि शमी फिट हैं और अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं, लेकिन चयनकर्ता उन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं। शमी को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज के लिए नहीं चुना गया है, जबकि उन्होंने हाल ही में रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया था।
Sourav Ganguly: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा कि मोहम्मद शमी की नेशनल टीम के सभी फॉर्मेट में वापसी होनी चाहिए। गांगुली ने कहा कि शमी फिट है और बॉलिंग अच्छी कर रहे हैं, लेकिन सेलेक्टर उन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं।
35 साल के तेज गेंदबाज को साउथ अफ्रीका के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम में नहीं चुने गए। बता दें कि शमी ने आखिरी बार भारत के लिए चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में खेला था। इसके बाद से वह टीम के लिए कोई भी क्रिकेट मैच नहीं खेलते नजर आए।
Mohammed Shami के सपोर्ट में उतरे Sourav Ganguly
दरअसल, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि मोहम्मद शमी की भारतीय टीम में तीनों फॉर्मेट में वापसी होनी चाहिए। गांगुली ने शमी की तारीफ करते हुए कहा कि शमी बेहद शानदार गेंदबाजी कर रहे हैं। वह फिट हैं और हमने तीन रणजी ट्रॉफी मैचों में देखा कि उन्होंने बंगाल को अकेले दम पर जिताया।
बता दें कि शमी ने इस सीजन के पहले दो रणजी मैचों में 15 विकेट लिए। तीन मैचों में उन्होंने 91 ओवर फेंके, हालांकि त्रिपुरा के खिलाफ उन्हें विकेट नहीं मिला।
वहीं, साल 2023 ODI विश्व कप के बाद शमी की टखने की सर्जरी हुई थी। उस वर्ल्ड कप में वे 24 विकेट लेकर टूर्नामेंट के सबसे सफल गेंदबाज रहे थे गांगुली ने आगे कहा,
मुझे पूरा भरोसा है कि सेलेक्टर्स इस पर ध्यान दे रहे होंगे और शमी व सेलेक्टर्स के बीच बातचीत भी होगी। लेकिन अगर मुझसे पूछें, तो फिटनेस और स्किल के मामले में शमी आज भी वैसी ही काबिलियत रखते हैं। ऐसा कोई कारण नहीं दिखता कि वह टेस्ट, वनडे और T20, तीनों फॉर्मेट में भारत के लिए न खेलें। उनकी स्किल काफी बड़ी है।
-मोहम्मद शमी
शमी को क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है?
मोहम्मद शमी को लगातार टीम सेलेक्टर्स नजरअंदाज कर रहे हैं। फिलहाल प्रसिद्ध कृष्णा और आकाश दीप टेस्ट टीम के तेज गेंदबाजी अटैक का हिस्सा हैं।
वहीं, 2027 ODI वर्ल्ड कप में अभी समय है, लेकिन शमी की चोटों का इतिहास सेलेक्टर्स के फैसले को प्रभावित कर सकता है।
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