यह पहला मौका नहीं है, जब यूपीसीए की चयन प्रणाली पर आरोप लगे हों। हर साल यहां की चयन प्रक्रिया पर आरोप लगते हैं। इसी कारण कई प्रतिभावान खिलाड़ियों का करियर या तो खत्म हो जाता है या वह दूसरे राज्य से खेलने पर विवश हो जाते हैं।
आईसीसी वनडे विश्वकप में सबसे विकेट लेने वाले भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने उत्तर प्रदेश की क्रिकेट चयन प्रणाली की धांधली की पोल खोल दी। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) के उन जिम्मेदार लोगों के ऊपर आरोप लगाया है, जो यूपी की टीम चुनते हैं।
मो. शमी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अमरोहा के रहने वाले हैं, लेकिन यहां लगातार उनके चयन को दरकिनार किया गया। इसके बाद उन्होंने बंगाल का रुख करते हुए भारतीय टीम का सबसे सफल गेंदबाज बनने का गौरव हासिल किया। विश्वकप के बाद अपने घर लौटे मो. शमी ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में उत्तर प्रदेश की तरफ से न खेलने का कारण सभी के साथ साझा किया।
इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि दो साल यहां पर ट्रायल दिया, लेकिन फाइनल राउंड में पहुंचते ही ‘यूपी वाले लात मार कर भगा देते थे।’ उन्होंने कहा कि रणजी के ट्रायल में 1600 खिलाड़ी थे, मैं अपने भाई के साथ जाता था। वह यह माहौल देखकर कहते थे कि यहां ट्रायल नहीं मेला चल रहा है।