मौसम विभाग के मुताबिक इस बार मानसून सामान्य तिथि के मुकाबले 2 दिन पहले ही केरल में दस्तक दे देगा. अनुमान के मुताबिक मानसून 30 मई तक केरल पहुंच जाएगा. इस मामले में मौसम विभाग ने 4 दिन का मॉडल एरर रखा है, इसका मतलब यह है कि केरल में मानसून 26 मई से लेकर 3 जून के बीच दस्तक दे देगा. केरल में मानसून के पहुंचने का अपना अलग महत्व है. इससे पता चलता है कि भारतीय उपमहाद्वीप में मानसून की बारिश कितनी जल्दी आ रही है. केरल में मानसून के दस्तक देने की सामान्य तिथि 1 जून है.
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इस बार मौसम विभाग ने मानसून के सामान्य रहने की भविष्यवाणी की है. मौसम विभाग मानसून की भविष्यवाणी देने में इन छह कारकों पर ध्यान रखता है…
1- उत्तर पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान.
2- दक्षिण भारत में प्री मानसून बारिश का स्तर.
3- दक्षिण चीन सागर में आउटगोइंग लॉन्ग वेव रेडिएशन.
4- दक्षिण पूर्व हिंद महासागर में निचले लेवल पर चलने वाली हवाओं की रफ्तार.
5- ऊपरी वायुमंडल में चलने वाली हवाओं की रफ्तार.
6- दक्षिण पश्चिम प्रशांत महासागर में आउटगोइंग लॉन्ग वेव रेडिएशन.
इस समय मानसून की स्थिति की बात करें तो यह अंडमान निकोबार में पहुंच चुका है. ऐसा कहा जा रहा है कि दक्षिण पश्चिम मानसून के लिए स्थितियां काफी अनुकूल हैं. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि अगले दो-तीन दिनों में बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्वी हिस्से और अंडमान सागर के बचे हुए भागों में मानसून दस्तक दे देगा. इस बार अंडमान निकोबार में मानसून ने 14 मई को ही दस्तक दे दी थी और उसके बाद से ही इसकी स्थिति मजबूत बनी हुई है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए मौसम विभाग का कहना है कि इस बार दक्षिण भारत में समय से पहले मानसून दस्तक दे देगा.
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