म्यांमार के हिंसाग्रस्त रखाइन प्रांत के एक गांव में सेना को जमीन में दबे दस नरकंकाल मिले हैं। जांच की जा रही है कि ये कंकाल किन लोगों के हैं। जिस गांव में यह कब्र मिली है वह रोहिंग्या बहुल था। 25 अगस्त की हिंसा के बाद उसमें रहने वाले ज्यादातर लोग लापता हैं। इनमें से तमाम लोगों के भागकर बांग्लादेश जाने के आसार हैं।
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जिस इन-दिन गांव में ये नरकंकाल मिले हैं वह रखाइन प्रांत के मौंगडा कस्बे के नजदीक स्थित है। सेना प्रमुख की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस बरामदगी की जांच जारी है। बांग्लादेश भागकर पहुंचे हिंदू अल्पसंख्यकों ने भी आरोप लगाया था कि रोहिंग्या बहुल गांवों में रहने वाले हिंदुओं को मारकर दफना दिया गया। उन्होंने हिंदुओं के उत्पीड़न और उनकी हत्या का आरोप रोहिंग्या मुसलमानों पर लगाया था।
जबकि रोहिंग्या मुस्लिमों का आरोप है कि सेना ने बड़े पैमाने पर उनका नरसंहार किया। यह कब्र लोगों को मारकर दफन किए जाने का सुबूत है। मानवाधिकारों के लिए कार्य करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ने पलायन करने वाले इन रोहिंग्या शरणार्थियों से बात करके हाल ही में दावा किया कि म्यांमार में 6,700 लोग मारे गए। जबकि 25 अगस्त की हिंसा के बाद सेना करीब चार सौ लोगों के मारे जाने की बात कह रही है।
25 अगस्त को रोहिंग्या आतंकियों ने पुलिस और सेना के ठिकानों पर एक साथ हमला किया था। उसी के बाद सेना ने रोहिंग्या बहुल गांवों में कार्रवाई की। सेना के अनुसार उन गांवों में आतंकी ठिकाना बनाए हुए थे। सेना की कार्रवाई के दौरान उन्होंने ग्रामीणों को ढाल बनाया जिसके चलते निर्दोष लोग मारे गए।
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