यहाँ जानिए शनिदेव को खुश करने के बेहतरीन उपाय,आज के दिन क्या करें और क्या नहीं

आज शनिवार है और ज्योतिष के अनुसार शनि देव को क्रूर माना जाता हैं। इस वजह से सभी शनि देव का कोपभाजन होने से बचते हैं। आप सभी को बता दें कि शनिदेव सिर्फ बुरे कर्म पर ही दंड देते हैं और अगर शनिदेव किसी जातक पर खुश हो जाएं तो जातक को ऊँचा उड़ने से कोई नहीं रोक सकता। आप सभी को बता दें कि शनि देव को वृद्धावस्था का स्वामी कहा गया है। कहते हैं जिस घर में माता पिता और वृद्ध जनों का सम्मान होता है उस घर से शनि देव बहुतप्रसन्न होते है और जिस घर में वृद्ध का अपमान होता है उस घर से खुशहाली दूर भागती है।

जी हाँ, दरअसल जैसे-जैसे व्यक्ति वृद्ध होता है उसे भूख कम लगने लगती है और नींद कम आती है, इसी के साथ वह काम वासना से विमुख हो जाता है। केवल यही नहीं बल्कि इस दौरान उसमें लोक कल्याण की भावना जागृत हो जाती है। वहीं ये सभी गुण देवताओं के हैं और इसी के चलते वृद्ध अवस्था में व्यक्ति देवत्व प्राप्त करता है। बस यही कारण है कि शनि कृपा प्राप्त करने के लिए वृद्ध जनों की सेवा सर्वोपरि है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं शनिदेव को खुश करने के लिए क्या करें।

शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय

* शनि मंदिर से शनि रक्षा कवच या काला धागा हाथ में बांधने के लिए अवश्य लें।
* दक्षिण दिशा में सिराहना कर सोयें और पश्चिम दिशा में मुख कर सारे कार्य करें, इसके अलावा अपने देवालय में शनि का आसन अवश्य बनायें।
* हर शुभ काम से पहले पूर्व कार्य बाधा निवारण के लिए प्रार्थना करके हनुमान और शनि देव के नाम का नारियल फोड़े।
* हर शनिवार को रात में सोते समय आंखों में काजल या सुरमा लगायें और शनिवार का काला कपड़ा जरूर पहनें।
* महिलाओं से अपने भाग्य उदय के लिए सहयोग, समर्थन और मार्गदर्शन प्राप्त करें तो प्रगति होगी।
* हर महीने की अमावस्या आने से पहले अपने घर और व्यापार की सफाई और धुलाई अवश्य करें और तेल का दीपक जलाएं।
* शनि अमावस्या, शनि जयंती या शनिवार को शनि मंदिर में नंगे पैर जाएं।
* घर बनाते समय काली टायल, काला मार्बल या काले रंग की कुछ वस्तु प्रयोग करें।
* खाली पेट नाश्ते से पूर्व काली मिर्च चबाकर गुड़ या बताशे से खाएं।
* भोजन करते समय नमक कम होने पर काला नमक और मिर्च कम होने पर काली मिर्च लें।
* शनिवार और मंगलवार को क्रोध ना करें।
* भोजन करते समय मौन रहें।
* हर शनिवार को सोते समय शरीर और नाखूनों पर तेल मसलें।
* मांस, मछली, मद्य और नशीली चीजों का सेवन बिल्कुल ना करें।
* शनिवार को गुड़ और चने से बनी वस्तु भोग लगाकर अधिक से अधिक लोगों को बांटना चाहिए
* शनिवार को उड़द की दाल के बड़े या उड़द की दाल, चावल की खिचड़ी बांटनी चाहिए। 
* हर शनिवार को लोहे की कटोरी में तेल भरकर अपना चेहरा देखकर दान करना चाहिए।
* हर शनि अमावस्या को अपने वजन का दशांश सरसों के तेल का अभिषेक करना चाहिए।
* शनि मृत्युंजय स्त्रोत दशरथ कृत शनि स्त्रोत का 40 दिन तक नियमित पाठ करें।
* काले घोड़े की नाल अथवा नाव की कील से बना छल्ला अभिमंत्रित करें और धारण करें क्योंकि इससे शनि का कुप्रभाव हटता है।

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