दुनिया में बहुत सारे देशों में देह व्यापार को कानूनी मान्यता मिली हुई है, वहीं कुछ इसे गैर-कानूनी मानते हैं। भारत में भी वेश्यावृति को अवैध माना जाता है लेकिन इसके बावजूद यहां यह काम जोरों-शोरों पर है।
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डेली मेल के अनुसार, क्या आपको यह बात पता है कि एशिया का सबसे बड़ा रेडलाइट एरिया भी भारत में ही है। वह जगह है पश्चिम बंगाल के कोलकाता की सोनागाछी। यह जगह जितनी बड़ी है, वहीं रहने वाली औरतों का गम उतना ही बड़ा है। यहां 14 हजार से ज्यादा वेश्याएं रहती हैं। सोनागाछी की गलियों में खेलते हुए बच्चे, मेकअप करती महिलाएं और कमरों में इंतजार करती औरतें आम देखने को मिलती है।
यहां कई मंजिलों में वेश्यालय चलते हैं। इस धंधे में कुछ औरतें मजबूरी की वजह से शामिल होती हैं तो कइयों को जबरदस्ती इस धंधे में घसीटा जाता है। एक बार कोई औरत इस दलदल में फंस गई तो इसका यहां से बाहर निकल पाना मुश्किल होता है। वहीं सालों से रहने वाली औरतों ने देह व्यापार को ही जिंदा रहने का और इस जगह पर जिंदगी बिताने की मंजिल समझ ली है।
कोलकाता को सिटी ऑफ ज्वॉय बोला जाता है लेकिन इस जगह पर पसरी रहती है निराशा और औरतों के मनों में उनके बच्चों के लिए आशा कि वो यहां ना रहें और कुछ सही बनें। यूं तो वेश्यालयों और वेश्याओं पर कई तरह की फिल्में बन चुकी हैं। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि कोलकाता के इस रेडलाइट एरिया को विषय बनाकर एक फिल्म भी बनी है। BORN INTO BROTHELS नाम की इस फिल्म को ऑस्कर सम्मान भी मिल चुका है।
इसे दुर्भाग्य कहना गलत होगा क्योंकि यह तो उससे भी कहीं आगे है, जिस उम्र में हमारी मां हमें दुनिया की रीति-रिवाज, लाज-शरम सिखाती हैं वहीं यहां कि बच्चियां खुद को बेचना सीखती हैं। 12 से 17 साल की उम्र में ये लड़कियां मर्दों के साथ सोना सीख जाती हैं। उन्हें खुश करना सीख जाती हैं, जिसके बदले उन्हें 2 डॉलर यानि 134 रुपए मिलते हैं। इन रूपयों के बदले यहां की औरतें तश्तरी का खाना बनकर मर्दों की टेबल पर बिछ जाती हैं।