25 जुलाई से आषाढ़ का माह आरम्भ हो चुका है। धार्मिक लिहाज से इस माह को बेहद पुण्यदायी माना जाता है। इसी माह में योगिनी एकादशी तथा देवशयनी एकादशी होती है। देवशयनी एकादशी के साथ-साथ चुतर्मास का भी आरंभ हो जाता है। योगिनी एकादशी आषाढ़ के माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को बोलते हैं। सभी एकादशियों की भांति ये भी प्रभु श्री विष्णु को समर्पित है। वही इस बार योगिनी एकादशी 5 जुलाई को पड़ रही है। परंपरा है कि योगिनी एकादशी का उपवास रखने वाले व्यक्तियों को धरती पर सभी सुख-सुविधाओं का सुख प्राप्त होता है तथा अंत में उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहां जानिए योगिनी एकादशी से संबंधित विशेष बातें।।।
योगिनी एकादशी शुभ मुहूर्त:-
योगिनी एकादशी 04 जुलाई दिन रविवार को शाम को 07 बजकर 55 मिनट से आरम्भ होगी तथा 05 जुलाई को रात 10 बजकर 30 मिनट तक रहेगी। उदया तिथिक के कारण व्रत 05 जुलाई को रखा जाएगा। व्रत पारण का शुभ वक़्त 06 जुलाई 2021, दिन मंगलवार को प्रातः 05 बजकर 29 मिनट से प्रातः 08 बजकर 16 मिनट के बीच है।
महत्व:-
प्रभु श्री श्रीकृष्ण ने इस एकादशी के विषय में बताया है कि योगिनी एकादशी का व्रत 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के समान फल देने वाला है। इसके अतिरिक्त प्रथा है कि कुष्ठ रोग या कोढ़ से पीड़ित लोग अगर योगिनी एकादशी का व्रत पूरी श्रद्धा के साथ करें तो उन्हें इस रोग से छुटकारा मिल जाता है। अनजाने में किए गए सभी पापों से उन्हें छुटकारा प्राप्त होता है तथा धरती पर सारे सुख प्राप्त होते हैं। आखिर में मनुष्य श्री हरि के चरणों में स्थान प्राप्त होता है।