यहां रात 10 बजे के बाद मर्दों की नीलामी करती हैं महिलाएं

भारत में मर्दों के जिस्‍म का कारोबार बड़ी तेजी से फैल रहा है। दिल्‍ली, मुंबई और बंगलुरु जैसे शहरों के कई प्रमुख इलाकों में मर्दों का बाजार सजता है। जिसे ‘जिगोलो मार्केट’ कहा जाता है। बड़े-बड़े घरों की महिलाएं यहां आकर इन मर्दों की बोली लगाती हैं और अपने साथ रात बिताने के लिए ले जाती हैं।

यहां रात 10 बजे के बाद मर्दों की नीलामी करती हैं महिलाएं

जिगोलो मार्केट का धंधा पूरी तरह से प्रॉस्‍टीट्यूट जैसा ही है। यहां लड़कियां मनचाहे मर्द को एक रात पाने के लिए मनचाही रकम अदा करने को तैयार रहती हैं। दिल्‍ली के जिगोलो मार्केट में खुलेआम युवा अपने जिस्‍म का सौदा करते हैं। रात में जब सड़के सुनसान हो जाती हैं तब ये लड़के सड़क किनारे खड़े होकर अपने कस्‍टमर की तलाश करते हैं। सबसे खास बात यह है कि यहां आने वाली महिलाएं ज्‍यादातर सभ्‍य घर की होती हैं। पॉश इलाकों में रहने वाली ये महिलाएं इन लड़कों को अपने घर ले जाती हैं और पूरी रात बेडरूम में साथ बिताती हैं।
जिगोलो को बुक करने का काम सड़कों के अलावा हाई-फाई क्‍लब, पब और कॉफी हाउस में भी होता है। इन जिगोलो की बुकिंग घंटों और पूरी रात के हिसाब से होती है। 2-3 घंटों के लिए इन्‍हें 3000 रुपये तक मिलते हैं जबकि पूरी रात के 8000 रुपये तक मिल जाते हैं। यही नहीं जो मर्द काफी गठीला और सिक्‍स पैक ऐब्‍स वाला होता है तो उसे कीमत दोगुनी दी जाती है।
रात 10 बजे बाद होता है शुरु
जिस्म का यह बाज़ार रात 10 बजे से सुबह 4 बजे के बीच सजता है। युवा पॉश इलाकों और प्रमुख बाज़ारों की मुख्य सड़कों पर खड़े हो जाते हैं। यहां गाड़ी रुकती है, जिगोलो बैठता है और सौदा तय होते ही गाड़ी चल देती है। रुमाल और गले के पट्टे पर होती है जिगोलो की डिमांड उसके गले में बंधे पट्टे पर निर्भर करती है।
 
कॉरपोरेट कंपनी की तरह होता है काम
युवा पुरूषों के जिस्म की सौदेबाजी का काम बेहद नियोजित तरीके से होता है। यही वजह है कि कमाई का 20 प्रतिशत हिस्सा इन्हें अपनी संस्था को देना होता है, जिनसे ये जुड़े हुए हैं, जो इन्हें इस धंधे में लेकर आती है। जिस्म के इस कारोबार को कई युवा अपना प्रोफेशन भी बना चुके हैं तो कई अपनी लक्ज़री ज़रूरतों की पूर्ति के लिए इस दलदल में फंस रहे हैं।
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