नई दिल्ली: यह क्या अब कैग ने इंडियन एयरफोर्स की आकाश मिसाइल की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठाये हैं। कैग की मानें तो इनमें से एक तिहाई मिसाइलें टेस्ट में फेल हो गईं।

संसद में रखी गई कैग की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार इन मिसाइलों को उत्तर-पूर्व में तैनात किया जाना था। यह काम 2013-15 के बीच ही हो जाना था लेकिन अभी तक एयरफोर्स ऐसा नहीं कर पाया है। रिपोर्ट में मिसाइल के नाम की जगह जेड लिखा हुआ है लेकिन सूत्रों के अनुसार यहां आकाश मिसाइलों की ही बात हुई है।
नवंबर 2014 में एयरफोर्स के पास 80 मिसाइलें थीं जिनमें से 20 का परीक्षण किया गया था। इनमें से 6 मिसाइलें परीक्षण में असफल रहीं। रिपोर्ट की मानें तो शुरूआती जांच में पता चला है कि असफल हुई मिसाइलों में से कोई अपने लक्ष्य तक नहीं पहुँच पाई तो किसी की रफ़्तार कम रही। यानी इन मिसाइलों में कई कमियां हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जरूररत के समय ये कमियां बेहद नुकसान पहुंचा सकती हैं। ये मिसाइलें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड से 3ए619 करोड़ रुपये में खरीदी गईं थीं। इन्हें उत्तर-पूर्व में तैनात करने का निर्णय 2010 में लिया गया था। इन मिसाइलों की उम्र 10 साल तक होती है। रिपोर्ट की मानें तो इनमें से कई मिसाइलों का जीवन मार्च 2017 में ही समाप्त हो चुका है।
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