संज्ञानात्मक विज्ञान में हुए एक नए शोध में पता चला है कि हमारी यादाश्त में शारीरिक उत्तेजना भी दर्ज होती रहती है। पत्रिका ‘प्लोस वन’ में प्रकाशित शोध के मुताबिक, किसी संदर्भ ग्रंथ में दर्ज शब्दों की तरह हमारा दिमाग भी शब्दों को रिकॉर्ड करता है।
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शारीरिक उत्तेजना
शोधकर्ताओं ने कहा, “इसके अलावा दिमाग शब्दों को अपने अनुभव से जोड़ता है। जैसे एक शब्द ‘कूची’ जेहन में आते ही उसके क्या-क्या उपयोग हैं, यह तुरंत आपके दिमाग में आ जाता है।”
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अध्ययन 28 प्रतिभागियों पर किया गया और पाया गया कि जब किसी प्रतिभागी ने पढ़ते समय किसी विषय को समझा, तब दिमाग ने भी उन शब्दों को अपना लिया। इस शब्द की तुलना दिमाग ने पहले के अध्ययन में आए शब्दों से भी की।
शोध में इलेक्ट्रोइन्सिफेलोग्राफी (ईईजी) की मदद से प्रतिभागियों की दिमागी गतिविधि को रिकॉर्ड किया गया। शोधकर्ताओं ने इसका मूल्यांकन किया कि दिमाग ने किस तरह से शब्दों को ग्रहण किया।
जर्मनी के बिलेफेल्ड विश्वविद्यालय के डिर्क कोएस्टर ने कहा, “हमारा शोध बताता है कितुलना करने की शुरुआत बहुत जल्दी शुरू हो जाती है। यदि किसी शब्द को याद करने की जरूरत होती है तो यह प्रक्रिया एक सेकेंड के एक दसवें समय बाद ही शुरू हो जाती है।”