दिल्ली-हरियाणा के कुंडली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन में कई नेताओं की हत्या करने की साजिश रचने की जानकारी देने वाला आरोपित योगेश लगातार बयान बदलता रहा। उसके द्वारा लगाए गए ज्यादातर आरोप निराधार पाए गए। हालांकि उसके बयानों को लेकर दिनभर बयानबाजी होती रही। आलम यह है कि सोनीपत पुलिस भी योगेश के बार-बार बयान बदलने से परेशान है।
इन बयानों ने उलझाया
बयान: राई थाने के एसएचओ प्रदीप ने किसानों पर हमला करने की रची थी साजिश
शक: जबकि इस नाम का जिले में कोई एसएचओ ही नहीं है। राई व कुंडली थाने में कोई पुलिसकर्मी भी प्रदीप नहीं है।
बयान: एसएचओ मास्क लगाकर आता था, नाम मैंने उसकी नेम प्लेट से नाम पढ़ा
शक: एसएचओ यदि चेहरा छिपाता था तो वह अपनी नेम प्लेट भी छिपाता।
बयान: हम पुलिस की ड्रेस में आते और गोली चलाते
शक: पुलिस को साजिश रचनी होती तो हमला करने वालों को खाकी वर्दी में ही क्यों उतारा जाता।
बयान: हमने वर्दी पहनकर पहले भी आंदोलन में चलाई थी लाठी
शक: योगेश की आयु अभी 21 साल है। वह आंदोलन पांच साल पहले हुआ था। 16 साल का युवक पुलिस का सिपाही नहीं लग सकता है?
बयान: गैंग में हम दो युवती व दस लड़के हैं
शक: इस तरह का कोई गैंग होता तो उसके अन्य सदस्यों के नाम की जानकारी उसके पास होनी चाहिए थी।
बयान: एसएचओ हमको फोन करके बुलाता था
शक: आरोपित योगेश के मोबाइल से किसी भी पुलिसकर्मी का नंबर नहीं मिला है। किसी लैंडलाइन से उसको काल नहीं आई थी।
बयान: मुझको हमला करने के 10 हजार रुपये मिले थे
शक: आखिर कोई दस हजार रुपये में गोली चलाने को कैसे तैयार हो सकता है?
हमको हथियार मुहैया करा दिए गए हैं
शक: योगेश एक भी हथियार के बारे में जानकारी नहीं दे सका। उसको कहा पर हथियार दिए और उनकों कहां पर छिपाया गया है?
बता दें कि शुक्रवार रात को पत्रकार वार्ता के दौरान किसान के बीच बैठे योगेश ने दावा किया था कि पंजाब के चार नेताओं पर हमला होगा और उनकी हत्या हो सकती है। इतना नहीं, उसने यह भी कहा था कि कई और भी साजिश रची गई है।