बाजार में सिक्कों की बाढ़ सी आ गई है। बैंक से लेकर दुकानदार कोई भी सिक्के लेने को तैयार नहीं हैं। लेकिन कानपुर शहर में नयागंज कुंआ चौराहा पर बैठे दलाल कमीशन पर हजार-दो हजार नहीं, लाखों रुपये के सिक्के तत्काल बदल देते हैं। बैंक मैनेजरों की मिलीभगत से पूरा गोरखधंधा चल रहा है। जो बैंक ग्राहकों से थोड़े सिक्के भी लेने को तैयार नहीं होते वही बैंक दलालों से कमीशन पर लाखों के सिक्के बदल लेते हैं।अभी-अभी: अमिताभ बच्चन के इस मेकअपमैन ने किया बड़ा खुलासा, गुस्सा होने पर करते हैं ये काम
सिक्कों के काले कारोबार की पड़ताल करने के लिये दिलीप सिंह नयागंज कुंआ चौराहे पर शुक्रवार दोपहर 3:10 बजे फोटो जर्नलिस्ट राहुल शुक्ला के साथ पहुंचे। ठीक चौराहे पर ही सबसे आगे फुटपाथ पर काउंटर रखकर बैठे अनिल ब्रदर्स नाम की दुकान में मौजूद व्यक्ति से पूछा गया कि 30 से 35 हजार रुपये के सिक्के हैं कितने में बदल जाएंगे। दुकान पर बैठे व्यक्ति ने कहा देखो साहब प्रत्येक सिक्के पर अलग-अलग कमीशन देना होगा।
इसी के बगल बैठे गोविंद सिंह की दुकान में भी नई नोटों के कई बंडल रखे दिखाई दिए। गोविंद ने बताया कि सिक्कों को कमीशन पर लेने के साथ ही नये नोट भी कमीशन पर देते हैं। सौ, पचास, पांच सौ और दो हजार की नई गड्डी डेढ़ सौ से दो सौ तक में बदल जाएगी। नयागंज कुंआ चौराहे पर दस से पंद्रह दुकानों में खुलेआम काला कारोबार होता है।सिक्के बदल रहे उन्नाव के कारोबारी दिनेश गुप्ता ने बताया कि काफी सिक्के इकट्ठा होने पर वह महीने में यहीं से कमीशन पर बदलकर नोट लेते हैं। वहीं इटावा के किराना कारोबारी श्याम अग्रवाल ने बताया कि बैंक सिक्के लेने को तैयार नहीं है। इसलिए कमीशन पर मजबूरन बदलवाना पड़ता है।
कोई मोल भाव नहीं, बेगरजू सौदा
कुंआ चौराहे पर सिक्कों का काला करोबार करने वालों के पास इतनी व्यस्तता है कि कोई मोल-भाव नहीं करते हैं। नयागंज और आसपास की बाजार में आने वाले शहर और प्रदेश के अन्य जिलों के कारोबारी यहीं पर सिक्के और कटे-फटे नोट बदलने का काम करते हैं।
पांच का सिक्का – 7.5 प्रतिशत (अगर 100 रुपये के सिक्के बदलवाले हैं तो 92.5 रुपये मिलेंगे)
एक और दो के सिक्के – 22 से 24 प्रतिशत (अगर 100 रुपये के सिक्के बदलवाते हैं तो 76-78 रुपये मिलेंगे)
पचास के न नोट – 150 रुपये प्रति गड्डी ब्लैक
सौ के नए नोट – 150 से 200 रुपये
पांच सौ के नए नोट – 250 रुपये प्रति गड्डी ब्लैक