यूं ही नहीं आई मार्केट में ‘सिक्कों की बाढ़’, जानिए इस ‘काले कारोबार’ के पीछे की हकीकत

यूं ही नहीं आई मार्केट में ‘सिक्कों की बाढ़’, जानिए इस ‘काले कारोबार’ के पीछे की हकीकत

बाजार में सिक्कों की बाढ़ सी आ गई है। बैंक से लेकर दुकानदार कोई भी सिक्के लेने को तैयार नहीं हैं। लेकिन कानपुर शहर में नयागंज कुंआ चौराहा पर बैठे दलाल कमीशन पर हजार-दो हजार नहीं, लाखों रुपये के सिक्के तत्काल बदल देते हैं। बैंक मैनेजरों की मिलीभगत से पूरा गोरखधंधा चल रहा है। जो बैंक ग्राहकों से थोड़े सिक्के भी लेने को तैयार नहीं होते वही बैंक दलालों से कमीशन पर लाखों के सिक्के बदल लेते हैं।यूं ही नहीं आई मार्केट में ‘सिक्कों की बाढ़’, जानिए इस ‘काले कारोबार’ के पीछे की हकीकत अभी-अभी: अमिताभ बच्चन के इस मेकअपमैन ने किया बड़ा खुलासा, गुस्सा होने पर करते हैं ये काम

सिक्कों के काले कारोबार की पड़ताल करने के लिये दिलीप सिंह नयागंज कुंआ चौराहे पर शुक्रवार दोपहर 3:10 बजे फोटो जर्नलिस्ट राहुल शुक्ला के साथ पहुंचे। ठीक चौराहे पर ही सबसे आगे फुटपाथ पर काउंटर रखकर बैठे अनिल ब्रदर्स नाम की दुकान में मौजूद व्यक्ति से पूछा गया कि 30 से 35 हजार रुपये के सिक्के हैं कितने में बदल जाएंगे। दुकान पर बैठे व्यक्ति ने कहा देखो साहब प्रत्येक सिक्के पर अलग-अलग कमीशन देना होगा। 

7 से 23 प्रतिशत तक कमीशन

एक, दो, पांच और दस के सिक्के पर 7 से 23 प्रतिशत तक कमीशन है।  इसके साथ ही सभी सिक्कों को अलग-अलग करके देना होगा मिक्स नहीं चलेगा। मोलभाव करने का प्रयास किया तो सिक्के छांटने में व्यस्त दुकानदार बोला साहब टाइम खोटी मत करो, दूसरी दुकान देखो। बगल में बैठे दुकानदार सुनील ने भी सिक्कों को उतने ही कमीशन में तत्काल बदलने की बात कही। पूछा साहब आपके सिक्के कहां हैं…? कार में रखे हैं लेकिन एक, दो, पांच और दस के मिक्स सिक्के हैं। बोला छांट के लाओ तभी बदल पाएंगे। चाहे पांच लाख के हों या दस लाख के कोई चिंता नहीं। बस छांट कर लाना।

इसी के बगल बैठे गोविंद सिंह की दुकान में भी नई नोटों के कई बंडल रखे दिखाई दिए। गोविंद ने बताया कि सिक्कों को कमीशन पर लेने के साथ ही नये नोट भी कमीशन पर देते हैं। सौ, पचास, पांच सौ और दो हजार की नई गड्डी डेढ़ सौ से दो सौ तक में बदल जाएगी। नयागंज कुंआ चौराहे पर दस से पंद्रह दुकानों में खुलेआम काला कारोबार होता है।सिक्के बदल रहे उन्नाव के कारोबारी दिनेश गुप्ता ने बताया कि काफी सिक्के इकट्ठा होने पर वह महीने में यहीं से कमीशन पर बदलकर नोट लेते हैं। वहीं इटावा के किराना कारोबारी श्याम अग्रवाल ने बताया कि बैंक सिक्के लेने को तैयार नहीं है। इसलिए कमीशन पर मजबूरन बदलवाना पड़ता है। 

बैंक मैनेजरों की कालाबाजारी से पब्लिक परेशान

बातचीत के दौरान एक कारोबारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बैंक मैनेजरं से हम सभी दुकानदारों की सेटिंग है। बैंक मैनेजर ही कमीशन पर सिक्के लेते हैं और कमीशन पर नये नोट देने का काम करते हैं। इस धंधे में एक-दो नहीं शहर के कई बैंक मैनेजर लिप्त हैं जो गुपचुप तरीके से दलालों को रोजाना नये नोट उपलब्ध कराते हैं और कमीशन पर सिक्के लेते हैं। जबकि शहर के बैंक मैनेजर ग्राहकों से सिक्के नहीं लेते और नए नोट देने में आनाकानी भी करते हैं। बैंक मैनेजरों के गोरखधंधे में लिप्त होने से पब्लिक परेशान है। 

अफीम-चरस बेच रहे क्या 

सिक्कों के काले कारोबार की पड़ताल के दौरान एक दुकानदार की नजर कैमरे पर पड़ी तो लड़ने पर उतारू हो गया। बोला अफीम-चरस बेच रहे क्या जो हमारी फोटो खींच रहे हो। हम तो छोटी मछली हैं, बड़े चोरों पर हाथ डालो तो जानें। दलाल का इशारा उन बैंक मैनेजरों पर था जो ब्लैक में नये नोट देने और कमीशन पर सिक्के लेने का काम कर रहे हैं।

कोई मोल भाव नहीं, बेगरजू सौदा 
कुंआ चौराहे पर सिक्कों का काला करोबार करने वालों के पास इतनी व्यस्तता है कि कोई मोल-भाव नहीं करते हैं। नयागंज और आसपास की बाजार में आने वाले शहर और प्रदेश के अन्य जिलों के कारोबारी यहीं पर सिक्के और कटे-फटे नोट बदलने का काम करते हैं। 

हर सिक्के पर अलग कमीशन  

दस के सिक्के पर – 12 प्रतिशत (अगर 100 रुपये के सिक्के बदलवाते हैं तो 88 रुपये मिलेंगे)
पांच का सिक्का – 7.5 प्रतिशत (अगर 100 रुपये के सिक्के बदलवाले हैं तो 92.5 रुपये मिलेंगे)
एक और दो के सिक्के – 22 से 24 प्रतिशत (अगर 100 रुपये के सिक्के बदलवाते हैं तो 76-78 रुपये मिलेंगे) 

ये भी जानें

दस और बीस के नए नोट – 300 से 500 रुपये प्रति गड्डी ब्लैक
पचास के न नोट – 150 रुपये प्रति गड्डी ब्लैक
सौ के नए नोट – 150 से 200 रुपये
पांच सौ के नए नोट – 250 रुपये प्रति गड्डी ब्लैक
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