फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद से दोनों देश यूक्रेन को लगातार मदद दे रहे हैं। इस मदद के तहत दोनों देशों ने यूक्रेन को हथियार, आर्थिक मदद, सैन्य प्रशिक्षण और कूटनीतिक समर्थन दिया है।
करीब 120 साल पहले ब्रिटेन और फ्रांस में एनटेंट कोर्डिएल समझौता हुआ था। जिससे दोनों देशों के संबंध मजबूत हुए थे। इसके बाद अब दोनों देश यूक्रेन की मदद के लिए एक और नया गठबंधन बनाने जा रहे हैं। ब्रिटेन के विदेश मंत्री और फ्रांसीसी विदेश मंत्री के बीच इस मुद्दे पर बातचीत हुई है। दरअसल अमेरिका द्वारा यूक्रेन को दी गई 60 अरब डॉलर की आर्थिक मदद दी गई है, लेकिन इस मदद में देरी हुई। जिसे लेकर दोनों देशों में नाराजगी है। साथ ही यूरोपीय देशों में भी यूक्रेन की मदद को लेकर अनिश्चित्ता और मतभेद उभर रहे हैं।
यूक्रेन की मदद के लिए साथ आए दोनों देश
ऐसे में ब्रिटेन और फ्रांस ने यूक्रेन की मदद के लिए नया गठबंधन बनाने की संभावनाएं तलाशना शुरू कर दिया है। फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद से दोनों देश यूक्रेन को लगातार मदद दे रहे हैं। इस मदद के तहत दोनों देशों ने यूक्रेन को हथियार, आर्थिक मदद, सैन्य प्रशिक्षण और कूटनीतिक समर्थन दिया है। ब्रिटेन ने साल 2014 में क्रीमिया पर रूसी हमले के बाद यूक्रेन के करीब 22 हजार सैनिकों को प्रशिक्षित किया और यूक्रेनी सेना की इंफैंट्री और मेडिकल यूनिट को नाटो के स्तर तक पहुंचने में मदद की। ब्रिटेन ने यूक्रेन को बख्तरबंद क्षमताओं को भी बेहतर किया और प्रशिक्षण पर साल 2022 और 2023 में ही 50 लाख डॉलर खर्च किए।
अमेरिका को लेकर आशंकित हैं दोनों देश
फ्रांस और ब्रिटेन यूरोपीय संघ खासकर जर्मनी पर दबाव बना रहे हैं ताकि यूक्रेन को रूस के खिलाफ युद्ध में सैन्य आपूर्ति जारी रहे। यूक्रेन को लड़ाकू विमान एफ-16 मिलें, इसके लिए भी ब्रिटेन प्रयास कर रहा है। दोनों देशों को आशंका है कि अगर अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी होती है तो अमेरिका, यूक्रेन को दी जा रही मदद रोक सकता है। वहीं जर्मनी भी ऊर्जा की बढ़ती दरों के दबाव में रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने से बच रहा है। ऐसे में यूक्रेन और फ्रांस नया गठबंधन बनाने की योजना बना रहे हैं, जिसमें नाटो के कुछ सदस्य देश भी साथ आ सकते हैं।