यूपी में इंडिया गठबंधन का हाल पश्चिम बंगाल सरीखा होता हुआ दिख रहा है। अंदरखाने की खबर है कि भाजपा और रालोद के बीच खिचड़ी पक रही है। कांग्रेस भी बसपा के साथ पींगे बढ़ाने की जुगत में है। गठबंधन के तहत सात लोकसभा सीटें मिलने के बावजूद सत्ता के समीकरण के लिए रालोद पलटी मार सकता है।
पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन के अहम घटक सीपीआई (एम) ने पहले ही अलग राह पकड़ ली है। अब तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने भी कांग्रेस के प्रति कड़ा रुख अपना लिया है। पार्टी के कुछ नेताओं ने राहुल गांधी की न्याय यात्रा को ‘अन्याय यात्रा’ तक करार दे दिया है।
यूपी में भी इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच भितरखाने गंभीर किस्म के रणनीतिक दांवपेंच चल रहे हैं। सपा ने कांग्रेस को गठबंधन के तहत 11 सीटें दी हैं। इनकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार ये सीटें बलिया, फतेहपुर सीकरी, रामपुर, महराजगंज, बाराबंकी, सुल्तानपुर, कानपुर, मेरठ, सहारनपुर, भदोही और बहराइच हो सकती हैं।
इसके अलावा अमेठी और रायबरेली में सपा पहले से ही प्रत्याशी नहीं उतारती रही है। इस तरह से अभी तक सपा की ओर से कांग्रेस के लिए कुल 13 सीटों की पेशकश की गई है। हालांकि, कांग्रेस के बड़े नेता लगातार कह रहे हैं कि बातचीत के नतीजों ने अभी अंतिम आकार नहीं लिया है।
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