अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य पद पर 65 वर्ष के बाद भी तैनात हो सकेंगे। अधिनियम में दी गई अधिकतम आयुसीमा की शर्त हटाने के लिए लाए गए प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के माध्यम से मंजूरी दे दी है। अब शीघ्र ही प्रदेश सरकार इस संबंध में अध्यादेश जारी करेगी।
कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये सोमवार को अलग-अलग विभागों के कुल 13 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति आयोग अधिनियम-1995 और संशोधित अधिनियम, 2007 की धारा 5 की उपधारा (1) में संशोधन संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। बता दें कि अभी तक एससी-एसटी आयोग में सदस्य पद पर तैनाती के लिए अधिकतम आयुसीमा 65 वर्ष थी। आयोग में अधिकतम 20 सदस्यों की तैनाती का प्रावधान है। इन्हीं सदस्यों में से एक अध्यक्ष और दो उपाध्यक्ष होते हैं।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अधिनियम में किसी तरह की शिथिलता अध्यादेश के माध्यम से ही दी जा सकती है। कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अब इस संबंध में अध्यादेश लाने का रास्ता साफ हो गया है। गौरतलब है कि 23 अगस्त को आयोग में कई ऐसे सदस्यों का चयन कर लिया गया, जिनकी उम्र 65 वर्ष से अधिक थी। अध्यादेश जारी होने के बाद ऐसे सभी सदस्यों पर अब निर्णय लिया जा सकेगा। हालांकि चयन का आदेश नए सिरे से जारी करना होगा।