बैराजों से छोड़े गए पानी व पहाड़ों पर हो रही बारिश से अवध क्षेत्र में बाढ़ के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। उफनाई घाघरा, सरयू, शारदा व राप्ती का पानी कई शहरों में घुस गया है। वहीं बीते 24 घंटे में बाढ़ के पानी में पांच लोग डूब गए। इनमें से चार लोगों के शव बरामद हो गए हैं, जबकि एक की तलाश की जा रही है। उफनाई सरयू का पानी अयोध्या में घुसने से कई आश्रम डूब गए हैं।अभी अभी: हुआ बड़ा हादसा, क्लोरीन गैस का फटा सिलेंडर, बच्चों की हालत हुई नाजुक…
सीतापुर के गांजरी इलाके में बुधवार शाम घाघरा का पानी रेउसा कस्बे में घुस गया। जिससे दो मोहल्लों में घुटनों तक पानी भर गया है। थानगांव के सीपतपुर लोनियनपुरवा में नित्यक्रिया के लिए गई मैनावती (60) की बाढ़ के पानी में डूबकर मौत हो गई।
बहराइच में बाढ़ के पानी में डूबने से महसी निवासी शिवकुमार (16) व खैरीघाट किशोरीलाल (45) की मौत हो गई। जबकि जरवलरोड निवासी नूरआलम (25) नहाते समय तेज बहाव में बह गया।
गोताखोर उसकी तलाश में जुटे हैं। यहां जलभराव के चलते छह मकान ढह गए। जिले में घाघरा अभी भी खतरे के निशान से 111 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। महसी में पचदेवरी गांव के निकट कटान रोकने के लिए दो साल पूर्व 16 करोड़ से बनाया गया परक्यूपाइन बांध तेज बहाव में बह गया। इसके चलते बिसवां स्पर और आसपास के नौ गांवों पर संकट आ गया है।
बाढ़ ने सात साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया
गोंडा में घाघरा का पानी नालों के जरिये गोंडा-लखनऊ मार्ग के किनारे भरने लगा है। नकहरा गांव के पास एल्गिन-चरसड़ी बांध का हिस्सा कटकर नदी में समा गया। बाढ़ ने सात साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। करनैलगंज तहसील के 745 से अधिक मजरे चपेट में हैं। बलरामपुर में बाढ़ के चलते लोग छतों तथा ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं।
बाराबंकी में एल्निग चरसड़ी तटबंध का 50 मीटर हिस्सा घाघरा में समा जाने से हालात और बेकाबू हो गए हैं। बृहस्पतिवार को रामसनेहीघाट के मल्हानपुरवा निवासी हरिश्चंद्र (55) की डूबने से जान चली गई।
फैजाबाद में उफनाई सरयू का पानी रामनगरी अयोध्या में घुसने से कई आश्रम डूब गए हैं। यहां के रामघाट हाल्ट के निकट पानी पहुंच गया। फटिक शिला डूब गई है। लक्ष्मण घाट परिक्रमा मार्ग, नया घाट बंधा स्थित मधुकरिया संतों के आश्रम में भी पानी घुस गया है। फैजाबाद शहर के तटीय इलाकों में निर्मलीकुंड के कई घरों व दुकानों मेें पानी घुसने से लोग परेशान हैं। गुप्तार घाट के मंदिर तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है।