प्रदेशवासियों को रजिस्ट्री ऑफिसों में धक्के खाने और भ्रष्टाचार से बचाने के लिए सरकार ने मंगलवार से सभी जिलों में ऑनलाइन रजिस्ट्री की शुरुआत कर दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर प्रदेश के 9 मंडलों के 35 जिलों में भी संपत्तियों की ऑनलाइन रजिस्ट्री सेवा की शुरुआत की।PM मोदी ने औद्योगिक नगरी को स्वच्छ बनाने के लिए महापौर को दिए ये मंत्र
इससे पहले प्रदेश के 40 जिलों के 190 उपनिबंधन कार्यालयों में ऑनलाइन रजिस्ट्री शुरू हो चुकी है। स्टांप एवं पंजीयन विभाग और एनआईसी द्वारा बनाए गए पोर्टल की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक के उपयोग से जहां कामकाज में पारदर्शिता आएगी वहीं लोगों को भ्रष्टाचार के दंश से भी छुटकारा मिलेगा।
सीएम न कहा कि वर्तमान राज्य सरकार भ्रष्टाचार एवं भाई-भतीजावाद की प्रथा को समाप्त करने के लिए कामकाज को पारदर्शी बना रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था शुरू होने से जनता को व्यावसायिक, आवासीय, कृषि एवं गैर कृषि भू-संपत्तियां खरीदने में धोखा नहीं होगा।
आज से पूरे प्रदेश में रजिस्ट्री की ऑनलाइन व्यवस्था शुरू हो गई है। इस व्यवस्था से संपत्ति के विक्रेता एवं खरीददार दोनों को आसानी होगी। इससे पहले स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन मंत्री नंद गोपाल नंदी ने ऑनलाइन रजिस्ट्री सिस्टम का प्रजेंटेशन दिया।
जबकि आगरा, अलीगढ़, मेरठ, बरेली, गोरखपुर वाराणसी देवीपाटन और फैजाबाद मंडलों के सभी जिलों में अक्तूबर में यह सुविधा शुरू हुई। इस तरह से अब तक 9 मंडलों में 40 जिलों के 194 रजिस्ट्री दफ्तरों में यह सुविधा पहले से ही शुरू हो चुकी है।
अब लखनऊ, आजमगढ़, बस्ती, मिर्जापुर, कानपुर, सहारनपुर, इलाहाबाद, झांसी व चित्रकूट मंडल के 35 जिलों के 160 उपनिबंधन दफ्तरों में भी लोग ऑनलाइन रजिस्ट्री करा सकेंगे।
इस दौरान सर्विस प्रोवाइडर के पास यूजर आईडी रहेगा। इसी आईडी से स्टांप का भुगतान होगा और ऑनलाइन दस्तावेजों का पंजीयन होगा। इससे निबंधन कार्य को पेपरलेस बनाने में मदद मिलेगी। आईडी कोड एक माह के लिए मान्य होगा।
– वकील की मदद लिए बिना ही क्रेता खुद कर सकेगा पूरी प्रक्रिया।
– रजिस्ट्री दफ्तरों में घंटो खड़े रहने से मिलेगी मुक्ति, कुछ मिनट में ले सकेंगे अभिलेख।
– क्रेता खुद कर सकेगा खरीदी जाने वाली संपत्ति के लिए स्टांप व रजिस्ट्री शुल्क की गणना।
– आवेदन करते समय संपत्ति का विवरण भरते ही पता चल जाएगा कितना आएगा खर्च।
– आवेदन के बाद स्वत: पता चलेगा कि कितने दिन में मिल जाएगी रजिस्ट्री की कॉपी।
– दलालों व बिचौलियों के अलावा भ्रष्टाचार से भी मिलेगी मुक्ति।
– रजिस्ट्री के दस्तावेज हमेशा वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा।
– प्रक्रिया पूरी होने पर ऑनलाइन ही प्राप्त हो जाएंगे दस्तावेज।
– संपत्ति का ब्यौरा भरने पर मिल जाएगा सजरा। नहीं होगा धोखा।
– संपत्ति का ब्यौरा भरते ही मिल जाएगी विवाद, लोन आदि की जानकारी।