भाजपा ने इस बार काडर व निष्ठावान कार्यकर्ताओं के बजाय करीब 50 फीसदी टिकट दलबदलुओं को दिए गए हैं। इससे काडर कार्यकर्ताओं में जबर्दस्त आक्रोश है। विशेषकर उन सीटों पर भितरघात का अधिक खतरा है, जहां भाजपा के आयातित उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
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इन सीटों पर टिकट न मिलने से नाराज पुराने भाजपाई व उनके समर्थक आयातित उम्मीदवार को सबक सिखाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। नाराज कार्यकर्ता कई सीटों पर निर्दल या फिर किसी क्षेत्रीय दल का टिकट लेकर भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी करने की तैयारी कर रहे हैं।
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शहर उत्तरी सीट पर मौजूदा विधायक व दबंग छवि के रविंद्र जायसवाल को टिकट देने के खिलाफ भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री सुजीत सिंह टीका ने बगावत का झंडा उठा लिया है।
टीका का कहना है कि रविंद्र अगर जीते तो उनकी हत्या करा सकते हैं। 2012 में टीका का नामांकन यह कर वापस करा दिया गया था कि अगली बार उन्हें मौका जरूर मिलेगा। कमोबेश यही स्थिति रोहनिया व शिवपुर की भी है।