लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अपना 27 साल का वनवास खत्म करने की पुरजोर कोशिश में लगी हुई है। लेकिन अभी ये होना मुश्किल दिख रहा है। लगातार बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लग सकता है। राजनीतिक गलियारों में यह बात तेजी से फ़ैल रही है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी की कद्दवार महिला नेता रीता बहुगुणा जोशी जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकती हैं।
इसको लेकर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत अंतिम दौर में है। रीता बहुगुणा जोशी ब्राह्मण समुदाय से हैं और पार्टी के ब्राह्मण चेहरों में सबसे आगे हैं। अगर वे पार्टी को छोड़ती हैं तो यूपी विधान सभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए ये तगड़ा झटका होगा। क्योंकि कांग्रेस ने इस बार ब्राह्मण वोट पर अपनी नज़रें टिका राखी हैं। जानकारों की मानें तो रीता बहुगुणा जोशी के यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी बदलने की दो वजह हो सकती हैं।
एक तो उनको यह भरोसा नहीं हो पा रहा है कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव तक इस स्थिति में पहुंच ही जाएगी, जिसके सहारे चुनाव जीता जा सके। दूसरा ये कि रीता बहुगुणा जोशी वर्तमान में लखनऊ कैंट से विधायक हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी के टिकट पर यादव परिवार से ही सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की छोटी बहु अपर्णा यादव को प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा हो रही है। ऐसे में लखनऊ कैंट सीट पर जीत की संभावनाएं बीजेपी के टिकट से ही बन रही हैं।
इसके अलावा रीता बहुगुणा जोशी एक बड़े सियासी परिवार से ताल्लुक रखती हैं। लेकिन जब से रीता के छोटे भाई और उत्तराखंड के पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने बीजेपी ज्वाइन कर लिया है। तब से बहुगुणा परिवार को लेकर कांग्रेस आलाकमान में विश्वास का संकट पैदा हुआ है।
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