डाक्टरों की लापरवाही से जिला अस्पताल में सोमवार को इलाज के दौरान नौ माह के मासूम की मौत हो गई। स्वजन ने जमकर हंगामा काटा। उनका आरोप है कि वार्ड ब्वाय ने एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन लगाया है। भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष और सांसद प्रतिनिधि के पहुंचने पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने लापरवाही करने वाले फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वाय को निलंबित कर दिया है। साथ ही पूरे मामले की जांच कर दोषी मिलने पर ड्यूटी कर रहे चिकित्सक के खिलाफ भी कार्रवाई की भरोसा दिया है।
पिता का आरोप वार्ड ब्वाय ने लगाया एक्सपायरी का इंजेक्शन
बांदा के थाना बदौसा के जमुनिहापुरवा निवासी धनेश कुमार श्रीवास्वव की नौ माह की बेटी की रविवार को तबीयत खराब हो गई थी।
स्वजन ने अपराह्न करीब ढाई बजे जिला अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ डा हरिश्चंद्र अग्रवाल को दिखाया था। हालत गंभीर होने पर उन्होंने बच्ची को भर्ती कर लिया।
बच्ची का शाम तक इलाज चला। रात में करीब 10 बजे हालत में सुधार होने पर स्वजन बच्ची को घर ले गए। सोमवार की सुबह बच्ची की फिर तबीयत बिगड़ी तो स्वजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे।
जहां पर वार्ड ब्वाय ने उसे इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगने के कुछ देर बाद ही उसने दम तोड़ दिया। यह देखते ही स्वजन हंगामा करने लगे। उनके हाथ इंजेक्शन की शीशी लगी तो उसमें एक्सपायरी डेट निकल चुकी थी। इससे स्वजन और आक्रोशित हो गए और हंगामा करना शुरु कर दिया।
मामले की जांच को कमेटी गठित
जिला अस्पताल में हंगामे की सूचना पर भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्र प्रकाश खरे और सांसद प्रतिनिधि शक्ति प्रताप सिंह तोमर पहुंच गए। खबर मिलने पर सदर विधायक अनिल प्रधान भी समर्थकों के साथ अस्पताल पहुंचे तो हंगामा और बढ़ गया। कोतवाली प्रभारी अवधेश कुमार मिश्रा फोर्स के साथ पहुंचे और हालत को संभाला। सीएमएस डा सुधीर शर्मा ने फार्मासिस्ट धर्मेंद्र मिश्रा, स्टाफ नर्स कुलदीप कुमार और वार्ड व्वाय अवधेश कुमार को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच को कमेटी गठित की गई है। यदि चिकित्सक भी दोषी मिलते है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।