उज्जैन। माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा शनिवार 28 जनवरी से गुप्त नवरात्रि का आरंभ होगा। श्रवण नक्षत्र, सिद्धयोग तथा सर्वार्थसिद्धि योग में देवी आराधना के पर्व का आरंभ सिद्धि, सौभाग्य और समृद्धि प्रदाता माना गया है। शक्ति उपासना के नौ दिन दिव्य योग रहेंगे। इसमें हर प्रकार की खरीदी तथा शुभ कार्य करना श्रेयष्कर माना जाता है।
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पं. अमर डब्बावाला के अनुसार साल में चार नवरात्रि होती है। चैत्र व अश्विन मास की नवरात्रि प्रकट तथा आषाढ़ और माघ मास की नवरात्रि गुप्त कहलाती है। इन दिनों में साधक व आराधक माता की अर्चना करते हैं। शक्तिपीठ हरसिद्धि में दर्शन, पूजन व साधना की विशेष मान्यता है। इस बार भी शनिवार से शुरू होकर सप्ताह में रविवार पर्यंत उत्सव काल रहेगा। इन नौ दिनों में अलग-अलग त्योहार व तिथियां रहेंगी।
यह दिन विशेष
– 28 जनवरी सर्वार्थसिद्धि योग में घट स्थापना
– 30 जनवरी गौरी तीज
– 31 जनवरी विनायक चतुर्थी
– 1 फरवरी बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा
– 2 फरवरी सर्वार्थसिद्धि व रवियोग
– 3 फरवारी नर्मदा जयंती, सुबह से शाम तक सर्वार्थसिद्धि योग
– 4 फरवरी दुर्गाष्टमी, भीम अष्टमी, रवियोग
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गुप्त नवरात्रि की पूर्व संध्या पर दो ग्रहों का राशि परिवर्तन दुर्लभ है। ऐसे संयोग में राशि अनुसार नौ दिन विशेष देवी आराधना करने से जातकों की उन्नति व प्रगति होगी।
– मेष : ऋण मोचन लक्ष्मी स्तोत्र, कर्ज से मुक्ति मिलेगी।
– वृषभ : कनकधारा स्तोत्र, आर्थिक प्रगति होगी।
– मिथुन : बगला मुखी स्तोत्र, शत्रुओं पर विजय होगी।
– कर्क : सरस्वती स्तोत्र, विद्या प्राप्ति।
– सिंह : लक्ष्मीनारायण स्तोत्र, आर्थिक प्रगति व लाभ होगा।
– कन्या : श्रीसूक्त का पाठ, पदोन्नति होगी।
– तुला : लक्ष्मीनृसिंह स्तोत्र,रोग तथा दोषों का निवारण होगा।
– वृश्चिक : कालीस्तवन का पाठ, दुर्घना से बचाव होगा।
– धनु : दुर्गा कवच, समस्त कार्यों में सिद्धि व उन्नति होगी।
– मकर : महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र, अज्ञात भय से मुक्ति मिलेगी।
– कुंभ : शनि स्तवराज, तनाव से मुक्ति मिलेगी।