राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कड़ी फटकार लगाई है. एनजीटी ने संभल जिले के 100 गांवों में दूषित पानी को लेकर चुप्पी साधने पर ऐसा किया है.
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एनजीटी ने सोमवार को कहा कि क्या यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी यहां कोर्ट आएं और इस पानी को पीकर दिखाएं. नाराज एनजीटी ने यूपीपीसीबी से पूछा है कि बोर्ड की प्राथमिक ज़िम्मेदारी दूषित पानी पर क़दम उठाने की है या नहीं?
एनजीटी इस बात से नाराज था कि यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी में दाख़िल हलफ़नामे में कहा कि दूषित ग्राउंडवाटर को चेक करने और स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने की उसकी ज़िम्मेदारी नहीं है. संभल के 100 से ऊपर गांवों में प्रदूषित पानी पर यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के इस रुख का रवैया देखकर एनजीटी दंग भी था और नाराज भी. लिहाज़ा इस मामले में एनजीटी ने यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दूसरा हलफनामा देने को कहा है.
बता दें कि संभल जिले के करीब 100 गांवों का ग्राउंडवाटर मैग्नीशियम और लौह जैसे तत्वों से भरा हुआ है. पानी देखकर की लगता है कि वो पीने लायक नहीं है. पानी का रंग पीला है, जिसे पीकर हज़ारों की संख्या में लोग बीमार हो रहे हैं. प्रशासन से लेकर यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तक गांव के लोगों के संपर्क करने के बावजूद अब तक कुछ नहीं हुआ है. एनजीटी ने 31 अगस्त तक यूपीपीसीबी को इस मामले मे हलफ़नामा दाख़िल करने को कहा है.
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