बारिश और बाढ़ की वजह से सब्जियों की फसल डूब गई हैं। दूसरे राज्यों से बरेली में सब्जियों की आवक थम गई है। ट्रक रास्ते में फंसे हुए हैं। इससे मंडी में सब्जियों की कमी हो गई है। थोक मंडी में जुलाई के मुकाबले कई सब्जियों के दाम दोगुने हो गए हैं। इससे रसोई का बजट भी बिगड़ गया है। कारोबारियों के मुताबिक अभी दाम कम होने के आसार भी नहीं हैं।
सब्जी कारोबारी असलम ने बताया कि बीते एक सप्ताह से मंडी में सब्जियों की आवक कम हो गई है। इस समय टमाटर बंगलूरू से आ रहा है। पंजाब में मटर की फसल बाढ़ के कारण खराब हो गई है। हिमाचल प्रदेश से गोभी की आवक नहीं हो पा रही है। उत्तराखंड से भी शिमला मिच, फूलगोभी, हरा धनिया आदि सब्जियां नहीं आ पा रही हैं। गृहणी पारूल ने बताया कि उनके परिवार में पांच लोग हैं। जुलाई सब्जियों पर करीब चार हजार रुपये खर्च हुए थे। अगस्त में छह हजार रुपये खर्च करने पड़े।
इस तरह बढ़ीं कीमतें
सब्जियां जुलाई में कीमत सितंबर में कीमत
आलू – 10 15
प्याज – 10 17
टमाटर – 8 20
लौकी – 5 20
बैंगन – 10 25
भिंडी – 5 25
हरी मिर्च – 10 30
शिमला मिर्च – 20 25
हरा धनिया – 20 100
आवक कम होने से बढ़े दाम
डेलापीर मंडी के सब्जी कारोबारी सलीम खान ने कहा कि आवक कम होने से सब्जियों के दाम बढ़े हैं। फिलहाल, अभी दाम कम होने की उम्मीद नहीं है।
गृहिणी रिंकी ने बताया कि सब्जी के दाम बढ़ने से रसोई का बजट बिगड़ गया है। हर माह अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। ठेलों पर महंगाई और बढ़ गई है।
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