अवध के जिलों में उफनाई नदियां कहर बरपा रहीं हैं। पहाड़ों पर हुई भारी बारिश के बाद नेपाल से तीन दिनों में करीब सात लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से हालात खराब हो गए हैं। गोंडा, सीतापुर, बहराइच, बाराबंकी, बलरामपुर व श्रावस्ती में बुधवार को सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए। शहरों में भी पानी घुस गया। पानी में डूबकर बहराइच में दो मासूमों समेत चार, श्रावस्ती, बलरामपुर में दो-दो और गोंडा व बाराबंकी में एक-एक लोगों की मौत हो गई।
नेपाल से आए पानी के चलते घाघरा तीन साल बाद खतरे के निशान से 1.24 मीटर से ऊपर बह रही है। मंगलवार को बाराबंकी-गोंडा स्थित एल्गिन चरसड़ी तटबंध 25 मीटरतक कट गया। इससे आधा दर्जन गांवों से संपर्क टूट गया है। हालात बेकाबू होता देख बाराबंकी जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ व पीएसी फ्लड टीम को मोटर बोटों के साथ राहत व बचाव कार्य में लगाया। गोंडा-बलरामपुर में घाघरा व सरयू जमकर कहर बरपा रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में करीब पांच फीट तक पानी भरा है।
बहराइच के 625 गांव में तीन लाख की आबादी त्राहि-त्राहि कर रही है। यहां राहत व बचाव कार्य नाकाफी साबित हो रहा है। श्रावस्ती में राप्ती ने भी कुछ ऐसा ही हाल किया है। अंबेडकरनगर में सरयू खतरे के निशान से 87 सेमी ऊपर बह रही है। टांडा व आलापुर तहसील के माझा क्षेत्र के लगभग दो दर्जन गांव जलमग्न हो गए हैं। सीतापुर के रेउसा में बुधवार दोपहर को बाढ़ पीड़ितों की नाव पलट गई। हालांकि सभी 15 लोग डूबने से बाल-बाल बच गए। फैजाबाद में सरयू और घाघरा ने कई कच्चे मकानों को अपने आगोश में ले लिया। सुरक्षित स्थानों पर आसरा बनाए ग्रामीण अपने बहते सामान देखने को मजबूर हैं। लोग राहत सामग्री के लिए तरस रहे हैं।
बहराइच में बाढ़ से ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर ले जाते सुरक्षाकर्मी।
फैजाबाद में बाढ़ से पलायन कर सुरक्षित स्थान की ओर जाते ग्रामीण।