उत्तर प्रदेश में बीते कई दिनों से हो रही बारिश और उत्तराखंड, नेपाल से छोड़े गए पानी की वजह से प्रदेश के 12 जिलों के 633 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और पिछले 24 घंटे में वज्रपात समेत वर्षाजनित हादसों में 19 लोगों की मौत हो गई। प्रदेश के राहत आयुक्त जी. एस. नवीन कुमार ने बताया कि प्रदेश के कुल 12 जिले पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बलरामपुर, कुशीनगर, बस्ती, शाहजहांपुर, बाराबंकी, सीतापुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर और बलिया के 633 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।
प्रभावित जनपदों में तैनात है SDRF और NDRF की टीम
प्रदेश के राहत आयुक्त ने बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान प्रदेश में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 16 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा बाढ़ के पानी में डूबने से दो तथा सर्पदंश से एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली है। राहत आयुक्त ने बताया कि प्रदेश में शारदा, राप्ती, घाघरा, बूढ़ी राप्ती एवं क्वानो नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 718 बाढ़ शरणालय, 923-बाढ़ चौकियां और 501 मेडिकल टीम गठित और स्थापित की गई हैं। प्रभावित जनपदों में राहत एवं बचाव के लिए एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) और पीएसी (प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी) की तीन-तीन और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की एक टीम तैनात है।
सीएम योगी ने किया निरीक्षण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को पीलीभीत और लखीमपुर खीरी जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई और स्थलीय निरीक्षण किया और कहा कि संकट के इस समय में सरकार सभी बाढ़ पीड़ितों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले पीलीभीत की पूरनपुर, सदर और बीसलपुर तहसील के बाढ़ प्रभावित गांवों का हवाई सर्वेक्षण किया और अधिकारियों से बाढ़ की स्थिति की जानकारी हासिल की। इसके बाद उन्होंने पीलीभीत के चंदिया हजारा और अध्यापुर जगतपुर का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आपदा से प्रभावित बच्चों, महिलाओं और स्थानीय लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं। आदित्यनाथ ने आपदा से प्रभावित लोगों से कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रदेश सरकार उनके साथ खड़ी है।