लखनऊ : यूपी में बाढ़ का कहर जारी है। नेपाल से पानी छोड़े जाने और लगातार तेज बारिश से यूपी के कई जिले में बाढ़ का प्रकोप जारी है। घाघरा और सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से गोंडा में बाढ़ के हालात भयावक हो गये हैं। गोरखपुर में भी कई नदियां खतरे के निशाने पर है। करनैलगंज और तरबगंज तहसीलों के 350 गांव और सात सौ से अधिक मजरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। एनडीआरएफ की टीमों ने अपना मोर्चा संभाल लिया है। इसके साथ ही अब प्रभावित इलाकों के बाजारों तक में पानी पहुंचने लगा है। बाढ़ के प्रकोप के कारण चार ब्लाकों के 1500 प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर दिया गया है।
गोरखपुर-बस्ती मण्डल के सातों जिले इस वक्त बाढ़ की चपेट में हैं। यूपी मेें राप्ती, घाघरा, रोहिन, नारायणी, गोर्रा, गण्डक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राप्ती और रोहिन से गोरखपुर शहर की रक्षा करने वाले हार्बर्ट बाँध के दो रेगुलेटरों से कल रिसाव शुरू हो गया था जिसे अभी तक पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सका है। प्रशासन और सिंचाई विभाग की टीमें इसे ठीक करने में जुटी हैं। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्कूल बंद कर दिए हैं।
इसके साथ ही एनडीआरएफए एसएसबी और सेना के जवान राहत पहुंचाने में जुटे हैं। दोनों मण्डलों में बाढ़ की वजह से अब तक 9 मोतें बताई जा रही हैं। वहीं प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ ने मोर्चा संभाल लिया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों लोगों को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ और फ्लड पीएसी जुटी हुई है। फैजाबाद से आठ बड़ी नावें मंगाई है। वही गुरूवार को घाघरा खतरे निशान से ऊपर बह रही है। घाघरा का जलस्तर 130 सेंटीमीटर ऊपर है।
सुबह विभिन्न बैराजों से तीन लाख 91 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। करनैलगंज तहसील के प्रभावित गांवों की संख्या में इजाफा हुआ है। बुधवार तक 48 गांव प्रभावित थेए गुरूवर को 55 हो गये हैं। नेपाल के विभिन्न बैराजों से बुधवार दोपहर बाद छोड़ा गया पांच लाख क्यूसेक पानी जिले में तबाही लेकर चल पड़ा है। बैराजों से छोड़े गए इस पानी के सुबह तक करनैलगंज बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचने की उम्मीद है। इसे लेकर जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गये हैं।
पहले प्रभावित गांवों और चपेट में आने वाले गांवों से लोगों को निकालने के लिए पसीना बहाया जा रहा है। लगातार उफनाती घाघरा के सख्त तेवरों के कल रौद्र रूप धारण करने की पूरी स्थिति बन गई है। बुधवार को छोड़े गए तीन लाख क्यूसेक पानी के बाद यहां प्रभावित गांवों की संख्या 44 से बढ़कर 48 हो गई है। पांच सौ से अधिक मजरों को बाढ़ ने निगल लिया है। सड़को तक पानी पहुंच चुका है और गुरूवार को तो कई और इलाकों के जलमग्न होने की पूरी आशंका है।