पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से गोरखपुर को जोड़ने वाला गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण इसी महीने पूरा हो जाएगा। अधिकृत सूत्रों ने बुधवार को बताया कि एक्सप्रेसवे के शुरू होने से लखनऊ, आगरा व दिल्ली की यात्रा सुगम हो सकेगी। इसका 97 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
भारी यातायात को कम करेगा एक्सप्रेसवे
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता वाली योजनाओं में शामिल लिंक एक्सप्रेसवे गोरखपुर बाईपास एनएच 27 ग्राम जैतपुर के पास शुरू होकर आजमगढ़ के सालापुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से मिलता है। 91.352 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य पर 3478 करोड़ रुपया तथा 1564 करोड़ रुपया भूमि अधिग्रहण पर व्यय हुआ है। उन्होंने बताया कि निर्माणाधीन गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे एक पूर्ण प्रवेश नियंत्रण सड़क है, जो दिल्ली, लखनऊ और आगरा से तेज़ आवागमन प्रदान करती है। एक्सप्रेसवे भारी यातायात को कम करेगा, यातायात प्रवाह में सुधार करेगा और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देगा। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण से नौकरियों में सुधार और सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है।
97 प्रतिशत से अधिक कार्य हो चुका है संपन्न
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, मनोज कुमार सिंह ने कहा कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण काफ़ी तीव्र गति से चल रहा है। 97 प्रतिशत से अधिक कार्य संपन्न हो चुका है। आवागमन शुरू होने से गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्रों के साथ ही प्रदेश के आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस मार्ग के खुलने से उत्तर प्रदेश के कृषि, वाणिज्य, और पर्यटन क्षेत्रों में विकास होगा तथा अधिक से अधिक रोजगार भी सृजन होगा।
UP के बुनियादी ढांचे के विकास में मील का पत्थर साबित होगा एक्सप्रेसवे
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे बनने वाली 341 संरचनाओं में से अब तक 337 का निर्माण पूरा हो चुका है। शेष संरचनाओं के भी जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है। 91.352 किलोमीटर लंबा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे के विकास में एक और मील का पत्थर साबित होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने गोरखपुर से आजमगढ़ और इसके विपरीत सांस्कृतिक और वाणिज्यिक मूल्यों को संचारित और स्थानांतरित करने के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे बनाने का फैसला किया। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर 110 मीटर का राइट ऑफ वे होगा। एक्सप्रेसवे से सटे गांवों के निवासियों को एक्सप्रेसवे तक पहुंच प्रदान करने के लिए एक्सप्रेसवे के एक तरफ सर्विस रोड बनाई जा रही है। अंडरपास के साथ-साथ एक्सप्रेसवे उपयोगकर्ताओं की सुविधा के लिए दो स्थानों पर सार्वजनिक सुविधा सुविधाओं के निर्माण की भी योजना है।
1,250 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का कार्य शुरू
इस परियोजना में 4 फ्लाईओवर, 12 वीयूपी, 29 एलवीयूपी, 25 पीयूपी, 5 वृहद सेतु, 07 लधु सेतु और 206 बॉक्स पुलियों का निर्माण किया गया है। लखनऊ से गोरखपुर तक गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे परियोजना को दो चरणों में विभाजित किया गया है। इसे ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) मोड में क्रियान्वित किया जाएगा। सरकार ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर औद्योगिक गलियारे का भी निर्माण करने का निर्णय लिया है, जो रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगा। औद्योगिक गलियारे के लिए 1,250 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का कार्य शुरू भी हो चुकी है।