देश में अन्य राज्यों की तरह अब उत्तर प्रदेश में भी तेजी से कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जांच बढ़ाने और निगरानी समितियों को और अधिक सक्रिय करने के साथ ही फैसला किया गया है। कोरोना टीकाकरण को लेकर भी उम्मीद से कम उत्साह देखने को मिल रहा है। कोरोना टीकाकरण के लिए जो लक्ष्य है, उसकी तुलना में जनता में जागरूकता कुछ कम नजर आ रही है। अब टीकाकरण की गति बढ़ाने के लिए सरकार ने नया तरीका सोचा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि टीकाकरण कराने वाले सरकारी कर्मी को अवकाश दिया जाए। इसी तरह निजी क्षेत्र के कर्मियों के लिए भी टीका लगवाने के लिए अवकाश की व्यवस्था करें।
चार अप्रैल तक बंद रहेंगे कक्षा आठ तक के स्कूल : कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के कारण एक बार फिर योगी सरकार की चिंता बढ़ा दी है। होली पर कक्षा आठ तक के जो स्कूल 31 मार्च तक के लिए बंद किए गए थे, वह अब रविवार यानी चार अप्रैल तक बंद रहेंगे। अन्य शैक्षिक संस्थान कोविड-19 प्रोटोकॉल के सख्ती से पालन के साथ खोले जाएंगे। पिछले दिनों होली से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिया था कि कक्षा आठ तक के सभी स्कूल 24 से 31 मार्च तक, जबकि मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज छोड़कर बाकी सभी शिक्षण संस्थान 25 से 31 तक बंद रहेंगे। उस आदेश के मुताबिक, सभी शिक्षण संस्थान एक अप्रैल यानी गुरुवार से खुलने थे, लेकिन तमाम सावधानियों और सतर्कता के बावजूद कोरोना के केस भी बढ़ रहे हैं।
शिक्षण संस्थान कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से करें पालन : मुख्य सचिव आरके तिवारी ने बताया कि कुछ जिलों में संक्रमण के अधिक मामलों को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि कक्षा आठ तक के सभी स्कूल अगले रविवार यानी चार अप्रैल तक बंद रहेंगे। वहीं, अन्य शिक्षण संस्थान कोविड प्रोटोकॉल के सख्ती से पालन के साथ खोले जाएंगे। शिक्षक, स्टाफ और विद्यार्थियों को शारीरिक दूरी, मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना होगा। इसके अलावा सभी वार्ड और ब्लॉक में निगरानी समितियों की सक्रियता बढ़ाई जा रही है। त्योहार पर दूसरे राज्यों से आने वालों की कान्टेक्ट ट्रेसिंग, जांच आदि गंभीरता से कराने के लिए कहा गया है।
स्थानीय जरूरत देख बढ़ाएं कोविड अस्पताल : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों को पूरी क्षमता से चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा है कि इन अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में मेडिकल स्टाफ, आवश्यक दवा, मेडिकल उपकरणों तथा बैकअप सहित ऑक्सीजन की उपलब्धता रहे। स्थानीय स्तर पर स्थिति का आकलन करते हुए जरूरत के अनुसार कोविड अस्पतालों की संख्या में वृद्धि की जाए। इसके तहत पहले चरण में सरकारी अस्पतालों को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के रूप में फिर सक्रिय किया जाए। साथ ही बालिका संरक्षण गृह, अनाथाश्रम, वृद्धाश्रम, आवासीय विद्यालयों आदि में फोकस टेस्टिंग के साथ ही संदिग्ध मामलों में आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य कराने के लिए भी कहा गया है।