उत्तर प्रदेश के सभी विद्युत वितरण निगमों में शनिवार को जन सुनवाई पूरी हो गई है। अब विद्युत नियामक आयोग बिजली दर पर फैसला लेगा। जनसुनवाई के दौरान उपभोक्ता परिषद ने एलान किया कि किसी भी कीमत पर बिजली दर नहीं बढ़नी चाहिए। उसने सुझाव दिया कि विद्युत वितरण निगम फिजूलखर्ची कम करके निगमों को घाटे से उबार सकते हैं। उपभोक्ताओं पर भार डालना गलत है।
प्रदेश में पावर कॉरपोरेशन के अधीन चल रहे सभी निगमों की अलग-अलग दिन जनसुनवाई हुई है। अंतिम दिन शनिवार को पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की मेरठ में जनसुनवाई हुई। निगम की ओर से बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया, जिस पर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आपत्ति की।
उन्होंने उपभोक्ताओं के बकाए 33122 करोड़ का मामला उठाते हुए बिजली दर बढ़ाने के बजाय घटाने की मांग की। कहा, लोकसभा से पारित बिजली चोरी के कानून को पावर कॉरपोरेशन के अधिकारी बदलकर 65 फीसदी बिजली चोरी के असेसमेंट को माफ कर देते हैं। इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है।
नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार और सदस्य संजय कुमार सिंह ने सभी पक्षों की बात सुनी। आश्वासन दिया कि सभी निगमों की जनसुनवाई के आधार पर बिजली दर के मामले में जल्द ही फैसला दिया जाएगा।