कर्नाटक में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के मतविभाजन का सामना किए बिना विधानसभा में इस्तीफा देने के एलान ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद दिला दी। 22 साल पहले 13 दिन तक प्रधानमंत्री रहे वाजपेयी ने लोकसभा में पर्याप्त संख्या में सांसद नहीं होने पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वाजपेयी सरकार के गिरने के बाद जद-एस नेता कुमारस्वामी के पिता एचडी देवगौड़ा प्रधानमंत्री बने थे और अब येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद कुमारस्वामी सीएम पद की शपथ लेंगे।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तरह ही 1996 में लोकसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन बहुमत के आंकड़े से पीछे रह गई थी। जनता की सहानुभूति हासिल करने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन पीएम वाजपेयी ने मतविभाजन का इंतजार किए बिना ही पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, मैं राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंपने जा रहा हूं लेकिन फिर पूर्ण बहुमत के साथ लौटकर सदन में आऊंगा। ठीक उसी तरह से येदियुरप्पा ने विधानसभा में कहा, मैं विश्वास प्रस्ताव पर जोर नहीं दूंगा और सीधे राज्यपाल के को अपना इस्तीफा सौंपने जा रहा हूं।
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