New Delhi: भारत में छुआछूत की कुप्रथा नई नहीं है। कहीं नीची जाति के लोगों को मंदिरों में जाने की इजाजत नहीं है तो कहीं कुछ जातियों के लिए उच्च वर्ग के लोगों को छूना मना है। लेकिन इस बीमारी से अब भगवान भी नहीं बचे हैं।
छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में एक मंदिर ऐसा है जहां भगवान को अछूत मानकर बहिष्कार कर दिया गया है। लोग इस मंदिर में जाना अशुभ मानते हैं, लेकिन करीब 20 साल पहले ऐसा नहीं था। आसपास के क्षेत्रों में इस मंदिर की खासी मान्यता थी। ग्रामीण बताते हैं कि करीब 20 साल पहले दो प्रेमी युगल मंदिर के अंदर आपत्तिजनक हालत में पक़डे गए थे।
इसके बाद गांव के बुजुगों की एक मीटिंग हुई थी जिसमें मंदिर को अशुभ और वहां विराजित मूर्तियों को अछूत मानने का फैसला लिया गया था। इसके बाद यहां पूजा-अर्चना बंद कर दी गई थी और आज तक बंद है। मंदिर में आज भी पत्थर की जलहरी, शिवलिंग और त्रिशूल जीर्ण-शीर्ण अवस्था में मौजूद हैं। इसके अलावा यहां देवी देवताओं की मूर्तियां बिखरी प़डी हैं।
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