ये हैं दक्षिण भारत के 5 चमत्कारी शिव मंदिर, जो पड़ते हैं सीधी लाइन में एक साथ, जानें ऐसा है क्यों..

ये हैं दक्षिण भारत के 5 चमत्कारी शिव मंदिर, जो पड़ते हैं सीधी लाइन में एक साथ, जानें ऐसा है क्यों..

भगवान शिव की हिंदू धर्म में बहुत मान्यता है. पूरी दुनिया में अगर देखा जाए तो सबसे ज़्यादा भक्त भी इन्ही के होते हैं. संसार का निर्माण भी भगवान शिव द्वारा किया गया है. शिवजी को लोग अनेकों नाम से जानते हैं जैसे- भैरव, आशुतोष, भोलेनाथ, कैलाशनाथ, महादेव, महेश, रूद्र आदि. भगवान शिव इतने रूप होने के कारण इनकी पूजा-अर्चना भी लोग अलग-अलग तरीके से करते हैं.

ये हैं दक्षिण भारत के 5 चमत्कारी शिव मंदिर, जो पड़ते हैं सीधी लाइन में एक साथ, जानें ऐसा है क्यों..

पूरे देश भर में भोलेनाथ के हजारों मंदिर हैं, पर कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जिनका उल्लेख हमें पुराणों में ही सुनने को मिलेगा. पुराणों में उल्लेख होने का अर्थ आप लगा सकते हैं की ये मंदिर आज से कई हज़ार साल पुराने होंगे. आज हम आपको दक्षिण भारत के 5 ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका ज़िक्र पुराणों में किया गया है. इन मंदिरों का हिन्दू धर्म में अपना एक अलग ही महत्व और विशेषता है. विशेषता की बात करें तो ये पाँचों मंदिर एक ही सीधी रेखा में बने हुए हैं. उत्तर से अगर दक्षिण तक देखा जाए तो ये पांचों मंदिर एक ही रेखा में नज़र आते हैं. मतलब समझने के लिए इस मैप को देखें:

सभी जानते हैं कि इस संसार का निर्माण कुल पांच तत्वों को मिलाकर हुआ है. उन्ही पांच तत्वों पर आधारित हैं, शिवजी के ये 5 मंदिर. इन सभी मंदिरों का निर्माण भी धरती के भौगोलिक आधार पर हुआ है.

आईये आपको बताते हैं कि कौन से हैं वो 5 मंदिर:

  1. श्रीकालाहस्ती मंदिर

श्रीकालाहस्ती मंदिर आन्ध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुपति शहर के पास स्थित है. स्कंद पुराण के अनुसार इसी स्थान पर अर्जुन को श्रीकालाहस्ती के दर्शन हुए थे और बाद में भारद्वाज मुनि के. भगवान शिव का यह मंदिर पांचों तत्वों में से हवा को समर्पित है.

  1. थिल्लई नटराजर मंदिर

थिल्लई नटराज का यह मंदिर तमिलनाडु के चिदंबरम में स्थित है. नटराज शिवजी का ही एक रूप है, जिसे सबसे उत्तम नर्तक माना जाता है. शिव का यह मंदिर पांचों तत्वों में से आकाश को दर्शाता है.

  1. अन्नामलाई मंदिर

अन्नामलाई मंदिर तमिलनाडु के तिरुवन्न्मलई में बसा हुआ है और यहां के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है.  इसे दश का सबसे बड़ा मंदिर भी मन जाता है. भगवान शिव का यह मंदिर आग का प्रतीक माना जाता है. 

  1. एकाम्बरेश्वर मंदिर

एकाम्बरेश्वर मंदिर तमिलनाडु के कांचीपुरम शहर में स्थित है. कहा जाता है की यह मंदिर 3000 वर्ष पुराना है. भगवान शिव का यह मंदिर धरती के प्रतीक को दर्शाता है.

  1. जम्बुकेश्वरर मंदिर

जम्बुकेश्वरर मंदिर तमिलनाडु के त्रिची में स्थित है. इस मंदिर में महादेव के जल स्वरुप की पूजा की जाती है, इसलिए यह मंदिर पांचो तत्वों में से जल को समर्पित है.

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com